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09 July 2025

युवाओं में बढ़ रहा है कैंसर का खतरा! लेकिन क्यों, जाने कारण?

कभी कैंसर को उम्रदराज लोगों की बीमारी माना जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में एक खतरनाक बदलाव देखा गया है – अब 50 साल से कम उम्र के लोगों में भी कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह न सिर्फ स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है।

कैंसर आखिर होता कैसे है?

हमारे शरीर की हर कोशिका में डीएनए होता है, जो उस कोशिका को बताता है कि उसे क्या करना है। कभी-कभी डीएनए में बदलाव या ‘म्युटेशन’ हो जाता है, जिससे कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं या मरने से बच जाती हैं। यही स्थिति कैंसर की शुरुआत कर सकती है।

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जब भी नई कोशिकाएं बनती हैं, तो डीएनए की नई प्रतियां भी बनती हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में गलतियां हो सकती हैं, जिन्हें आप एक कागज की बार-बार फोटोकॉपी करने जैसा समझ सकते हैं – हर प्रति में कुछ न कुछ फर्क आ ही जाता है। अधिक उम्र के लोगों में यह जोखिम इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि उनके शरीर में यह प्रक्रिया ज्यादा बार हो चुकी होती है और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ चुका होता है।

तो फिर युवा क्यों हो रहे हैं शिकार?

अब सवाल उठता है कि जब यह बीमारी उम्र से जुड़ी है, तो कम उम्र में इसके मामले क्यों बढ़ रहे हैं? वैज्ञानिक मानते हैं कि इसके पीछे कई बाहरी कारण हो सकते हैं – जैसे हमारी जीवनशैली, खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी, या हमारे आसपास मौजूद रसायन।

कुछ रसायन हमारे डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं या गलतियों की संभावना को बढ़ा सकते हैं। धूप से आने वाली पराबैंगनी किरणें और धूम्रपान इसके दो बड़े उदाहरण हैं, जो स्किन और फेफड़े के कैंसर से सीधे जुड़े हैं।

हालांकि ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में जागरूकता बढ़ने के कारण स्किन और फेफड़े के कैंसर के मामले कुछ घटे हैं, लेकिन दूसरी तरह के कैंसर – जैसे लीवर, अग्नाशय, प्रोस्टेट, स्तन और किडनी के – युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हैं। और यह सिर्फ ऑस्ट्रेलिया तक सीमित नहीं, बल्कि पूरी दुनिया खासकर विकसित देशों में देखा जा रहा है।

क्या प्लास्टिक बना है नई चिंता का कारण?

आज का इंसान पहले से कहीं ज्यादा रसायनों और प्लास्टिक के संपर्क में है – खाने की पैकिंग, पानी की बोतलें, फर्नीचर, कपड़े, यहां तक कि हवा और धूल में भी प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण पाए जा रहे हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि प्लास्टिक मानव स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है। 

हालांकि यह कहना मुश्किल है कि कौन-सा प्लास्टिक सीधे कैंसर का कारण बनता है, लेकिन शक मजबूत होता जा रहा है। खास तौर पर पेट के कैंसर में यह बदलाव देखा गया है। यह आशंका जताई जा रही है कि भोजन के जरिए शरीर में जा रहे माइक्रोप्लास्टिक और प्लास्टिक से निकले रसायन इस बदलाव का कारण हो सकते हैं।

हम क्या कर सकते हैं?

इस समय यह पूरी तरह साबित नहीं हुआ है कि प्लास्टिक और कैंसर के बीच सीधा संबंध है, लेकिन जब तक वैज्ञानिक पूरी सच्चाई सामने नहीं लाते, तब तक सतर्क रहना ही बेहतर है।

प्लास्टिक के कम इस्तेमाल की आदत डालें। कांच, स्टील और प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल बढ़ाएं। साथ ही, रोज की जीवनशैली में छोटे बदलाव – जैसे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से दूरी – कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।

अगर आपके परिवार में पहले किसी को कैंसर हो चुका है, या आपको कोई स्वास्थ्य चिंता है, तो अपने डॉक्टर से समय रहते सलाह जरूर लें।

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TAGS: Health, Cancer, Cancer in young age, Health experts on cancer, Cause of cancer
OUTLOOK 09 July, 2025
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