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07 December 2015

राम के पदचिन्हों पर सैर का मजा

यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जिनके लिए घूमने का मतलब किसी धार्मिक या आध्यात्मिक स्थल पर जाना ही यात्रा करना होता है। पिछले कुछ सालों में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ा है और लोगों में इसके प्रति रुचि भी बढ़ी है।

पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि देश में बुद्ध सर्किट और रामायण सर्किट का विकास करने की योजना है। इसके तहत किसी राज्य के साथ विचारधारा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।

यह बात इसलिए उभरी है कि तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने पहले वाम शासन वाले पश्चिम बंगाल के साथ इस संबंध में भेदभाव किए जाने की बात कही थी। उनकी एक मांग यह भी थी कि बेलूर मठ को भी धार्मिक पर्यटन सर्किट में शामिल किया जाए।

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बंदोपाध्याय का कहना था कि पश्चिम बंगाल को सन 2013-14 में इसके लिए एक भी पैसा नहीं दिया गया। उनका कहना है कि अब तो बेलूर मठ का कुछ होना चाहिए क्योंकि यह स्थान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन में भी विशेष स्थान रखता है। प्रधानमंत्री वहां लोकसभा चुनाव से पहले और बाद आशीर्वाद लेने आ चुके हैं।

महेश शर्मा क कहना है कि भविष्य में बेलूर मठ को सर्किट में शामिल करने के सुझाव पर जरूर विचार किया जाएगा। इसमें एक और महत्वपूर्ण बात जुड़ रही है, भगवान राम के 14 साल के वनवास काल को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में सामने लाने के लिए केंद्र सरकार राम वन गमन मार्ग का नेपाल से लेकर श्रीलंका तक के मार्ग को विशेष रूप से विस्तार देगी।

सरकार धार्मिक पर्यटन और विशेष रूप से अयोध्या को देश के पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से लाने के लिए रामायण सर्किट का विकास कर रही है।

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TAGS: ram circuit, buddha circuit, mahesh sharma, राम सर्किट, बुद्ध सर्किट, महेश शर्मा
OUTLOOK 07 December, 2015
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