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21 January 2016

पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन का घेराव, रेवती लाल पर हमला

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विरोध के चलते वरिष्‍ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन का भाषण आखिरी समय पर रद्द कर दिया गया था। हालांकि, बाद में विश्‍वविद्यालय परिसर के बाहर स्‍वराज विद्यापीठ में यह गोष्‍ठी कराई गई और सिद्धार्थ वरदराजन ने छात्रों को संबोधित किया। इसके बाद जब वरदराजन और ऋचा सिंह अपना विरोध दर्ज कराने कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू के पास पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद एबीवीपी के कार्यकताओं और छात्रसंघ पदाधिकारियों ने उनका कड़ा विरोध किया। करीब आधे घंटे तक कुलपति कार्यालय से वरदराजन को निकलने नहीं दिया गया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। आखिर में पुलिस सुरक्षा में वरदराजन और ऋचा सिंह यूनिवर्सिटी से बाहर आए। इससे पहले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में योगी आदित्‍यनाथ को बुलाने को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। 

 

इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय की छात्रसंघ अध्‍यक्ष ऋचा सिंह ने अंग्रेजी अखबार द हिंदू के पूर्व संपादक सिद्धार्थ वरदराजन को लोकतंत्र, मीडिया और अभिव्‍यक्ति की आजादी विषय पर आयोजित एक संगोष्‍ठी में मुख्‍य वक्‍ता के तौर पर बुलाया था। लेकिन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं और छात्रसंघ के कई पदाधिकारियों ने वरदराजन को 'राष्ट्रविरोधी' व 'नक्सली' करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया। इस मुद्दे पर एबीवीपी के कार्यकर्ता मंगलवार को अनशन पर बैठ गए थे जिसके बाद जिला प्रशासन और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने वरदराजन का कार्यक्रम रद्द करने का फैसला किया। 

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अहमदाबाद में रेवती लाल पर हमला 

बुधवार को गुजरात दंगों के नरोडा पाटिया कांड के दोषी सुरेश छारा ने पत्रकार रेवती लाल के साथ कथित तौर पर मारपीट की। इस मामले में सुरेश छारा को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुजरात दंगों पर किताब लिख रही रेवती ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि वह गुजरात दंगों पर एक किताब लिख रही हैं। इस सिलसिले में वह परोल पर छूटे सुरेश छारा के घर गईं थीं। वहां उससे कुछ देर तक बातचीत के दौरान वह हिंसक हो गया और उनके साथ मारपीट की। इस हमले में रेवती को कुछ चोटें भी आई हैं। वह पड़ोसियों की मदद से किसी तरह वहां से निकल पाईं। 

रेवती ने कहा, दरअसल मैं छारा के परिवार को जानती हूं क्योंकि मैं पिछले एक साल से एक किताब पर काम कर रही हूं। उसकी अपनी पत्नी से तनावपूर्ण संबंध हैं और दोनों अलग रह रहे हैं। छारा की पत्नी ने उसके खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। यह घटना उसकी पिछली परोल के दौरान हुई। मैंने उसकी पत्नी को वकील दिलाने में मदद की थी।

सुरेश छारा को नरोडा पाटिया कांड में 31 साल की सजा हो चुकी है। वह पिछले सप्‍ताह ही परोल पर बाहर आया है। इससे पहले सुरेश की पत्‍नी ने भी परोल पर छूटने के दौरान मारपीट करने और बलात्‍कार का आरोप लगाया था। अब रेवती लाल अपने ऊपर हुए हमले के आधार पर अदालत से सुरेश छारा की परोल रद्द करने की मांग कर सकती हैं। 

 

 

 

 

 

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TAGS: पत्रकार, हमला, असहिष्‍णुता, अभिव्‍यक्ति की आजादी, सिद्धार्थ वरदराजन, रेवती लाल, गुजरात दंगे, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
OUTLOOK 21 January, 2016
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