सोशल मीडिया की नजर में आप ने खोया आपा
ओम थानवी- मौजों का दोष नहीं है, ये दोष है और किसी का...
प्रियदर्शन - पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल ने सबको स्टिंग करने की सलाह दी थी। तब मैंने कहा था कि यह खतरनाक है, ऐसी व्यवस्था में बीमार और शक्की समाज बनते हैं। अब यह स्टिंगबाज राजनीति आम आदमी पार्टी की बीमारी सामने ला रही है। केजरीवाल या योगेंद्र यादव ने किन्हीं खास लम्हों में जो कुछ कहा, उसे उनका ध्रुव सत्य बना कर दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। यह देखना अफसोसनाक है कि कल तक कंधे से कंधा मिलाकर देश और समाज बदलने वाले लोग साथ-साथ एक-दूसरे की मुखबिरी भी करते रहे।
धीरेंद्र प्रताप धीर – आतिशबाजियां थीं, उम्मीद के दिए जले,
बिजलियों का कारवां भी कड़का है बहुत, देख कर यह आलम मुरझा गया दिल धीर, चिंगारी जरा सी थी, शोला भड़का है बहुत।
राजीव गोदारा - कल एक एक्टिविस्ट ने लानत दी कि आप कैसे ऐसी पार्टी में बने हो जिसमें झूठे व ब्लैकमेलर राष्ट्रीय कार्यकारिणीं में पहुंच जाते हैं । जिन्हें गाली की भाषा का इस्तेमाल करने व अपनी झूठी तारीफ करने के सिवाय कुछ आता नहीं । ये भी की जिन्होनें कई लोगों को बड़े वादे करके पार्टी में शामिल किया, मगर वादा पूरा नहीं हुआ तो किसी ने नई पार्टी बना ली कोई सत्ता की दौड़ में लगी पार्टी में चला गया। खैर ! हर कहीं ऐसे लोग मिल ही जाते हैं।
तेजेंद्र शर्मा- आम आदमी पार्टी की जूतम पैजार खुल कर सामने आ रही है।... क्या 49 दिन पूरे होने वाले हैं?
करूणा पांडे- केजरीवाल पार्टी मैंबरों से दूसरों का स्टिंग ऑपरेशन करवाते थे। पार्टी ने उन्हीं का कर दिया।
नितिश नेमा – यह तो बहुत ही आम आदमी पार्टी निकली
रश्मि – 49 दिन की सरकार के सिर पर मंडराए खतरे के बादल।
संजय कुमार मिश्र – आप ने सत्ता पाते ही आपा खो दिया।
संजय खरे - आम (आदमी पार्टी) प्याज बन गई, रुलाने लगी।