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07 August 2015

इंटरनेट उपभोक्ताओं की शरण में फेसबुक

नई दिल्ली। फेसबुक भारत में अपने इंटरनेट डाट आर्ग मंच के पक्ष में उपयोक्ताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है। दूरसंचार विभाग की समिति की रपट पर सार्वजनिक टिप्पणी भेजने की अवधि एक सप्ताह में खत्म होने वाली है जिसमें कहा गया है कि सोशल नेटवर्क की इस जैसी मुफ्त इंटरनेट सेवाएं इंटरनेट निष्पक्षता सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं।

 

क्या है इंटरनेट डॉट आर्ग

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फेसबुक ने सार्वजनिक अभियान की शुरुआत की है ताकि इंटरनेट डाट आर्ग जैसे मुफ्त इंटरनेट पहुंच वाले मंचों को अनुमति के संबंध में समर्थन जुटाया जा सके। फेसबुक उपयोक्ता के होमपेज पर अक्सर एक संदेश उभरता है क्या आप चाहते हैं कि भारत में मुफ्त बुनियादी आनलाइन सेवा हो? इंटरनेट डाट आर्ग का लख्य है विश्व में हर कोई आनलाइन हो। भारत में मुफ्त बुनियादी आनलाइन सेवा के पक्ष में अपना समर्थन दें। इस संदेश में कहा गया जल्द ही भारत सरकार इंटरनेट डाट आर्ग जैसी सेवाओं के भविष्य पर फैसला करेगी। इस पोस्ट पर टिप्पणी करें ताकि हम आपके सांसदों को बता सकें कि आप भारत में हर किसी को जोड़ना चाहते हैं- “कनेक्ट इंडिया, कनेक्ट द वर्ल्ड”

 

इंटरनेट डॉट ऑर्ग का विरोध क्यों

दूरसंचार विभाग की समिति ने फेसबुक के इंटरनेट डाट आर्ग जैसी परियोजनाओं का विरोध किया है। जिसके तहत बिना मोबाइल इंटरनेट शुल्क अदा किए कुछ वेबसाइट तक पहुंचा जा सकता है। इंटरनेट शुल्क का बोझ वेबसाइट या सेवा प्रदाता उठाते हैं।

   

15 अगस्त तक दे सकते हैं अपनी प्रतिक्रिया

इंटरनेट निष्पक्षता पर दूरसंचार विभाग समिति की रपट सार्वजनिक टिप्पणी के लिए माईगवर्नमेंट वेबसाइट पर उपलब्ध है। जिस पर 15 अगस्त तक टिप्पणी दी जा सकती है। इस पर अब तक सिर्फ 500 से कुछ अधिक टिप्पणियां आई हैं जबकि भारत में आदर्श इंटरनेट-निष्पक्षता लागू करने के पक्ष में शुरू हुए ऑनलाइन अभियान के जरिए नियामक टाइ को 10 लाख संदेश भेजे गए थे।

 

क्या है इंटरनेट निष्पक्षता

इंटरनेट निष्पक्षता का अर्थ है हर तरह के इंटरनेट ट्रैफिक के साथ समान रवैया अख्तियार करना। किसी इकाई या कंपनी को सामग्री के लिए भुगतान के आधार पर या दूरसंचार कपंनियों जैसे सेवा प्रदाताओं को कोई प्राथमिकता नहीं दिया जाना। किसी भी आधार पर प्राथमिकता देना विभेदकारी है।

   

क्या चाहता है फेसबुक

इंटरनेट डाट आर्ग फेसबुक के नेतृत्व में की गई पहल है जिसका लक्ष्य है सैमसंग तथा क्वालकॉम जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों और मोबाइल कंपनियों की भागीदारी में पांच अरब लोगों को आनलाइन लाना। भारत में इसने रिलायंस कम्यूनिकेशंस के साथ गठजोड़ किया है।

 

समिति ने फेसबुक के इंटरनेट डाट आर्ग की चर्चा की है और कहा है कि इंटरनेट डाट आर्ग के उपयोक्ता अप्रैल 2015 तक सिर्फ कुछ ही वेबसाइट का उपयोग कर सकते थे और फेसबुक की वेबसाइटों की सूची तय करने में नियामक की भूमिका को इंटरनेट निष्पक्षता के तौर पर देखा गया।

 

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TAGS: फेसबुक, इंटरनेट डॉट ओआरजी, दूर संचार विभाग, इंटरनेट निष्पक्षता, नेट न्यूट्रैलिटी
OUTLOOK 07 August, 2015
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