कॉल डिटेल्स, टेक्स्ट मैसेज का डेटा लीक करने के आरोपों से फेसबुक का इनकार
फेसबुक डेटा लीक के मामले को लेकर विवादों में है। कैंब्रिज एनालिटिका डेटा लीक के बाद से सोशल मीडिया पर प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। डिलीट फेसबुक कैंपेन ट्रेंड कर रहा है और व्हाट्सऐप के को फाउंडर ने भी लोगों को फेसबुक डिलीट करने की नसीहत दी। इतना ही नहीं टेस्ला और स्पेस एक्स के फाउंडर एलन मस्क ने भी एक यूजर के चैलेंज पर फेसबुक से अपनी दोनों कंपनियों सहित अपने पेज डिलीट कर लिया है।
लेकिन अभी भी फेसबुक से विवाद दूर नहीं हो रहे हैं। फेसबुक पर आरोप लगा है कि वह लोगों की सहमति के बगैर कॉन्टैक्ट डिटेल्स, मैसेज इकट्ठा करता है। हालांकि फेसबुक ने इस बात से इनकार किया है।
पीटीआई के मुताबिक, फेसबुक ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि उन्हीं यूजर्स का डेटा इकट्ठा किया जाता है, जो इसकी अनुमति देते हैं। साथ ही इस फीचर को आप चाहें तो बंद भी कर सकते हैं। फेसबुक ने कहा कि ऐसा कोई भी डेटा लीक नहीं होता, न ही हम किसी तीसरी पार्टी को ये डेटा बेचते हैं।
अभी तक शायद आपको ये पता होगा कि फेसबुक के पास आपकी वो जानकारी होती है जो फेसबुक पर आप दर्ज करते हैं या फेसबुक पर यूज करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है फेसबुक के पास आपके फोन के टेस्क्स्ट मैसेज से लेकर कॉल लॉग तक स्टोर होता है जो आप अपने मोबाइल से करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक के मेटा डेटा में यह कॉल की टाइमिंग से लेकर कब तक बात की गई है, ये भी होता है।
'द गार्डियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, कई यूजर्स ने यह भी पाया है कि फेसबुक के मेटा डेटा में मोबाइल की काफी संवेदनशील जानकारियां होती हैं जो आप किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहेंगे। ये सभी डेटा आपके फेसबुक डिएक्टिवेट करने के बाद भी फेसबुक के सर्वर पर स्टोर रहते हैं और अगर आप चाहें तो इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं।
फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कॉन्टैक्ट्स रखने के बारे में कहा कि ऐप और सर्विस का सबसे महत्वपूर्ण काम यूजर्स के लिए लोगों को ढूंढना आसान बनाना है। मैसेजिंग और सोशल ऐप में फोन के जरिए लॉग इन करने से लिस्ट भी अपलोड हो जाती है। उन्होंने कहा है, ‘ये ऑप्शनल है और बिना यूजर की मर्जी से नहीं किया जाता है अगर यूजर इसकी इजाजत नहीं देता है तो हम लिस्ट अपलोड नहीं करते हैं।'