Advertisement
07 April 2016

पंडित रवि शंकर के 96वें जन्मदिवस पर गूगल ने बनाया डूडल

गूगल

पंडित रविशंकर 60 के दशक में भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिमी दुनिया तक पहुंचाने वाले सांस्कृतिक दूत थे। गूगल ने कहा, शंकर ने पश्चिमी संगीत में भारतीय वाद्ययंत्रों के प्रयोग का काफी प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने सितार की मनमोहक स्वरतंत्रियों की गूंज से पूरे विश्व के श्रोताओं का परिचय कराया। रवि शंकर का जन्म 1920 में रविन्द्र शंकर चौधरी के रूप में हुआ था। उन्होंने अपनी युवावस्था के दिन अपने बड़े भाई उदय शंकर के नृत्य समूह के साथ देश भर का भ्रमण करते हुए गुजारे। दरबारी संगीतकार अलाउद्दीन खान की शागिर्दी में सितार सीखने के लिए उन्होंने नृत्य को छोड़ दिया। बाद में वह आकाशवाणी में संगीत निदेशक के तौर पर अपनी सेवाएं देने लगे और कालजयी फिल्मकार सत्यजीत रे की अपु त्रायी के लिए संगीत लयबद्ध किया।

 

वायलिन के उस्ताद यहूदी मेनुहिन के साथ उन्होंने कई प्रस्तुतियां दीं और लंदन सिंफनी ऑर्केस्ट्रा के लिए सितार के साथ एक कॉन्सर्ट भी किया। उन्होंने द बीटल्स के जॉर्ज हैरीसन को भी सितार बजाना सिखाया और 1960-70 के दशक में लोकप्रिय संगीत पर अपना स्पष्ट प्रभाव छोड़ा। पंडित रवि शंकर को भारत रत्न, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सम्मानों से भी अलंकृत किया गया था। उनका 92 साल की उम्र में साल 2012 में निधन हो गया था। आज गूगल का डूडल कलाकार केविन लाफलिन ने बनाया है जिसमें शंकर द्वारा बजाए जाने वाली शैली के सितार को एल अक्षर के स्थान पर प्रदर्शित किया गया है।

Advertisement

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: सितारवादक, पंडित रवि शंकर, 96वां जन्मदिन, सम्मान, सर्च इंजन, गूगल, डूडल, सितार, भारतीय शास्त्रीय संगीत, पश्चिमी दुनिया, सांस्कृतिक दूत, पश्चिमी संगीत, भारतीय वाद्ययंत्र, मनमोहक स्वरतंत्रियां, विश्व श्रोता, रविन्द्र शंकर चौधरी
OUTLOOK 07 April, 2016
Advertisement