Advertisement
24 September 2015

'यह जेएनयू और स्वामी दोनों को प्रताड़ित करने जैसा होगा'

गूगल

सोहम दत्ता- भगवान हमारी सहायता करना। हमारी मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी एक ऐसे आदमी की नियुक्त करने की बात रख रही हैं, जो पागल है और बेवकूफाना टिप्पणियों की वजह से चर्चाओं में रहता है। मेरी भविष्यवाणी है कि भाजपा अपने कार्यकाल के दूसरे वर्ष में कांग्रेस से भी कहीं बद्तर हो जाएगी।

 

जोज नोएल- बहुत अच्छे, स्मृति ईरानी जब लोगों ने तुम्हें चुना ही नहीं तो तुम्हें नियुक्तियों का अधिकार किसने दिया।

Advertisement

 

किर्ती के कटियार- बुद्धिजीवी महिला

 

गौतम रामचंद्रम- बहुत बढ़िया स्मृति ईरानी, तुमसे और अपेक्षा भी क्या की जा सकती है?

 

विकास यादव- लो, 12वीं पास की सोच। अरे मैडम यह भाजपा का कार्यालय नहीं है, जिसे चाहो बिठा दो। ये देश करोड़ो लोगों का है, किसी के बाप की जागीर नहीं।

 

पवन कुमार सिंह- सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा था- मेरे ख्याल से जेएनयू में एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो का एक ब्रांच ऑफिस होना चाहिए, जो हॉस्टल में रेड करे, नक्सलियों को गिरफ्तार करे, जेहादियों को गिरफ्तार करे, यहां एक बीएसएफ का कैंप भी होना चाहिए।

 

सरकार सुदीप्ता- यह अवसाद वाला समाचार है।

 

श्रीधर सुब्रह्मण्यम- जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय देश का सम्मानजनक विश्वविद्यालय है। जिसकी देश-दुनिया में समाजवाद,आधुनिकता, नए युग के आंदोलन और बुद्धिजीवी विकसित करने में अहम भूमिका मानी जाती है। सुब्रह्मण्यम स्वामी को जेएनयू का वीसी बनाने का मतलब है कि जेएनयू और सुब्रह्मण्यम दोनों को प्रताड़ित करना। मुझे लगता है कि बेहतर चुनाव किया जाएगा और स्मृति ईरानी अपना प्रस्ताव वापस लेंगी या स्वामी इससे इनकार कर देंगे।      

 

बिक्रम सिंह – कॉमरेड, साथियों, लगता है कि इस बार आप लोगों के साथ अन्याय होने जा रहा है।

 

मनीषा पांडे - एफटीआईआई के बाद अब जेएनयू की बारी है।

 

गुरूप्रीत सिंह- ओह, मिस्टर स्वामी अगर आप जेएनयू के वीसी बनाए जाते हैं तो अपने ऑफिस में आग लगने की उम्मीद रखें।

 

रामा कृष्ण पांडा- एफटीआईआई के बाद अब जेएनयू में भगवा। मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने सुब्रह्मण्यम स्वामी को जेऩयू का वीसी बनाने का प्रस्ताव दिया है। जेएनयू के छात्रों के सामने यह एक नई चुनौती है। उम्मीद करता हूं कि जेएनयू के छात्र इस चुनौती को स्वीकार करेंगे और इस गौरव को बचा लेंगे।  

 

जैसमीन केपी जस- बहुत मजेदार- स्वामी उस संस्थान का नेतृत्व करेंगे जिसका नाम राहुल गांधी के पूर्वजों के नाम पर है।

 

चेतन खरे- मैं स्वामी के साथ हूं। लाल चडि्डयां जल्द खाकी हो जाएंगी। 

 

असद कूल- जेएनयू पर भी कहीं मुकद्दमा न कर दें स्वामी क्योंकि जेएनयू का नाम भी नेहरू परिवार से जुड़ा है। लेकिन स्वामी और जेएनयू की विचारधारा का कहीं कोई मिलन नहीं, एक दूसरे के विपरीत है यह। 

 

आरिफ जैन- मैं स्वामी को जेएनयू का वीसी बनाए जाने का स्वागत करता हूं। क्योंकि स्वामी को वीसी बनाए जाने पर फासीवादी ताकतों के खिलाफ जो आंदोलन होगा वह देशव्यापी होगा।

 

सुकला सेन- एफटीआईआई में सॉफ्ट पोर्न एक्टर गजेंद्र चौहान, राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में जफरसरेशवाला जैसों की नियुक्ति के बाद अब सुब्रह्मण्यम जेएनयू का नेतृत्व करेंगे? देश में इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन होना जाहिर है। 

 

चंद्रदीप सिंह- जेएनयू में महाभारत की तैयारी हो गई है। सारे विद्यार्थी एक तरफ और कुलपति एक तरफ।

 

मिर्जा मुशिर- जो व्यक्ति खुद मानव संसाधन मंत्री बनना चाहता था, हद है कि वह जेएनयू का वीसी बनने की मांग कर रहा है। वह भी येल डिग्री होल्डर स्मृति ईरानी से।  आईआईटी, एफटीआईआई और अब जेएनयू यानी भारतीय शिक्षण संस्थान भगवाकरण की राह पर हैं। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: सुब्रह्मण्यम स्वामी, जेएनयू, subramanian swami, JNU
OUTLOOK 24 September, 2015
Advertisement