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10 August 2015

पोर्न बैन: बैकफुट पर सरकार, लोगों के बैडरूम में दखल नहीं

सैकड़ों पोर्न साइटों पर प्रतिबंध को लेकर मचे विवाद के बाद केंद्र सरकार ने इस मसले पर रुख स्‍पष्‍ट किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसका इरादा सिर्फ चाइल्‍ड पोर्नोंग्राफी पर रोक लगाने का था, लोगों के बैडरूम में दखल देने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। पोर्न साइटों पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार मोरल पुलिसिंग करने के लिए नहीं है। जो लोग गोपनीय रूप से पोर्न देखना चाहते हैं, सरकार उन पर नजर नहीं रख सकती। सरकार ने डिपोर्टमेंट ऑफ टेलीकॉम के वेबसाइटों पर प्रतिबंध से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों को साथ आने को कहा है। 

हाल में 857 पोर्न साइटों पर प्रतिबंध के बाद मचे विवाद को देखते हुए शायद सरकार इस मसले पर संभलकर कदम उठाना चाहती है। सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि चाइल्‍ड पोर्नोग्राफी के अलावा अन्‍य पोर्न पर प्रतिबंध नही लगा सकती। सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि यह लोगों की अभिव्‍यक्ति और मनोरंजन के अधिकार से जुड़ा मामला है। सरकार लोगों के बैडरूम में दखल नहीं दे सकती। अटॉर्नी जनरल का कहना है कि पोर्न पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर संसद और समाज में एक व्‍यापक बहस कराने की जरूरत थी। 

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TAGS: पोर्न बैन, सुप्रीम कोर्ट, अटॉनी जनरल, सरकार, चाइल्‍ड पोर्नोग्राफी
OUTLOOK 10 August, 2015
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