रेडियो मिर्ची ने खरीदा ओए एफएम
अपनी बुरी वित्तीय तिमाही से गुजर रहे टीवी टुडे समूह ने अपने एफएम रेडियो चैनल को बेचने की पेशकश रखी थी और आख़िरकार रेडियो मिर्ची ने उसे खरीद लिया। हालांकि अभी डील की रकम की पुष्टि नहीं की गई लेकिन सूत्रों का कहना है कि रेडियो मिर्ची ने इस सौदे के लिए 50 करोड़ रुपये की रकम अदा की है।
एक्सचेंड फॉर मीडिया ने खबर की पुष्टि के लिए इएनआइएल (रेडियो मिर्ची की पालक कंपनी) के एमडी और सीइओ प्रशांत पांडे और इंडिया टुडे समूह के आशीष बग्गा से संपर्क साधा था। लेकिन दोनों ने ही कोई भी टिप्पणी से इनकार कर दिया। इसके बाद इएनआइएल ने घोषणा की कि उन्होंने टीवी टुडे समूह के ओए एफएम को खरीद लिया है।
इएनआइएल ने पहली तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया था और रेडियो मिर्ची ने कुल लाभ 32.9 करोड़ रुपये में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस तरह पिछली तिमाही में कुल लाभ 18.7 प्रतिशत से बढ़ कर 117 करोड़ रुपये हो गया है।
इस सौदे से सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इस सौदे से रेडियो मिर्ची को क्या फायदा है। रेडियो मिर्ची को सबसे बड़ा फायदा तो उन शहरों का लाइसेंस होगा जो अब तक ओए एफएम के पास थे। दिल्ली, मुंबई को छोड़ दें तो ओए के पास कोलकाता, अमृतसर, जोधपुर और पटियाला शहरों के लाइसेंस हैं। यह किसी भी खरीदार के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। दिल्ली और मुंबई में मिलने वाले नए लाइसेंस अब सीमित कर दिए गए हैं।
अब दिल्ली में सिर्फ एक और मुंबई में दो ही लाइसेंस एक कंपनी को दिए जा सकते हैं। इन सभी शहरों में सभी बड़े एफएम रेडियो स्टेशन मौजूद हैं। इस वजह से ऑपरेटर्स पर दबाव बढ़ जाता है। ऑपरेटरों ने दो रेडियो फ्रीक्वेंसी के बीच भी कुछ नई फ्रीक्वेंसी की मांग की थी, जिससे एक ही शहर में कुछ और रेडियो स्टेशन डाले जा सकते। लेकिन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस मांग को रद्द कर दिया।
एफएम सेक्टर में रेडियो मिर्ची एक जाना पहचाना नाम है और एक तरह से एफएम की दुनिया में अग्रणी है। रेडियो सिटी और फीवर 104 एफएम फिलहाल मुंबई और दिल्ली में रेडियो मिर्ची के बाद काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में यदि उसे एक और फ्रीक्वेंसी मिल जाती है तो उसके लिए यह बेहतर मौका होगा कि वह नए तरह की सामग्री के साथ अपने श्रोताओं के लिए प्रयोगधर्मी हो सकता है।