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24 September 2017

''इधर देवी पूजा, उधर छात्राओं पर लाठियों की बरसात, नवरात्रों को भी उपलब्ध हो गया न्यू इंडिया''

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यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमंते तत्र देवता।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।

आपने ये दो सुंदर बातें पढ़ ली हों तो चलिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) घूम कर आते हैं।

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बीएचयू में छेड़खानी के विरोध में सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज किया गया। ये सब शायद इसलिए भी हो रहा है क्योंकि इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय दौरे पर थे और लड़कियों के विरोध प्रदर्शन की वजह से उनके काफिला का रूट बदलना पड़ा और इससे प्रधानमंत्री की इमेज को झटका लगा है। फिर वो वहां के सांसद भी ठहरे।

ट्विटर पर 'बीएचयू बज' नाम के एक पेज ने लाठीचार्ज से घायल लड़कियों का वीडियो भी डाला है।

ये सब तब हुआ जब छात्राएं वीसी गिरीश चंद्र त्रिपाठी से मिलने जा रही थीं। गिरीश चंद्र त्रिपाठी को आरएसएस का करीबी माना जाता है। बीएचयू में नियुक्ति से पहले वो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। नवंबर 2014 में बीएचयू के वीसी बने और इसके पीछे संघ से उनकी नजदीकियों को ही कारण माना गया।

इससे पहले 24 घंटे लाइब्रेरी खोलने, एक कलात्मक मूर्ति को अश्लील बताकर उसको कपड़े से ढंकवाने, अस्पताल के मुद्दों को लेकर विवादों में रहे हैं।

ऐसे मौकों पर संवाद से काफी कुछ हल किया जा सकता है लेकिन संवादहीनता से चीजों को और बदतर किया जा रहा है। लड़कियों को आश्वासन भी नहीं दिया जा रहा है और वीसी लगातार अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं।

फिर लाठी बरसाना तो औपनिवेशिक रीति है। हर आवाज को दबाने के लिए अंग्रेज बात-बात पर लाठियां भांज देते थे। सरकार बात करने की बजाय हर आंदोलन में यही रुख अपना रही है। चाहे किसान आंदोलन हों, चाहे छात्रों का आंदोलन। संविधान में लिखा गया है कि बगैर हथियारों के किसी को भी जमा होने या विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। फिर निहत्थे लोगों के साथ हिंसा करने का क्या मतलब है? ऐसे में तो यही कहने का मन करता है कि हंसिए कि आप न्यू इंडिया में हैं।

फिलहाल बीएचयू में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। लाठीचार्ज के बाद पूरे कैम्पस में भारी पुलिस बल तैनात है। वहीं कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ सुबह 3:30  बजे बैठक की है। इस दौरान कमिश्नर और डीएम भी मौजूद रहे।

इस पर सोशल मीडिया पर भी काफी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया- 'बल से नहीं बातचीत से हल निकाले सरकार।बीएचयू में छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय। दोषियों पर हो करवाई।'

 वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने ट्वीट किया।

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TAGS: social media, bhu, laathi-charge, banarash hindu university, narendra modi
OUTLOOK 24 September, 2017
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