बालिका वधू के दो हजार एपिसोड
कलर्स के इस कार्यक्रम में बाल विवाह, घरेलू हिंसा और वैवाहिक बलात्कार सहित विभिन्न सामाजिक मुद्दों को उठाया गया है। इसमें ग्रामीण भारत की सच्चाई को दिखाते हुए महिला सशक्तिकरण की दिशा में पहल की गई है।
बालिका वधू के 2008 में शुरू होने के बाद से ही इसकी मजबूत पटकथा और दमदार अभिनय ने दर्शकों का ध्यान इसकी ओर खींचा। कलर्स के सीईओ राज नायक ने कहा, ‘बालिका वधू हमारी प्रस्तुतियों के लिए महत्वपूर्ण पहचान बना है और इसकी सफलता एक मनोरंजन चैनल के तौर पर हमारी सफलता का पर्याय बनी है। यह यात्रा अद्भुत है और हम हमारे दर्शकों का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं जिन्होंने अपना भरपूर प्यार और समर्थन देकर सपने को हकीकत में तब्दील कर दिया। इतनी लंबी यात्रा दर्शकों के सहयोग के बिना असंभव थी।
मां-बेटी के पुनर्मिलन पर आनंदी उर्फ तोरल ने कहा, ‘ऐसा कहते हैं कि दुनिया का जो सबसे मजबूत बंधन होता है वह एक मां और बेटी के बीच का रिश्ता होता है। पिछले दो सालों से बालिका वधू के जीवन को जीते हुए मुझे कई तरह के भावनात्मक दृश्यों को जीने का मौका मिला।
2,000 एपिसोड पूरा करने पर चैनल ने सोशल मीडिया पर अखिल भारतीय फोटोग्राफी पहल का आयोजन किया है और दर्शकों से मां-बच्चे के रिश्ते पर अपने सबसे बेहतरीन पलों को साझा करने को कहा है।
फिलहाल मुख्य भूमिका में तोरल रासपुत्र हैं। इससे पहले भी दो बार आनंदी की भूमिका निभाने वाली नायिका बदल गई है। लेकिन सबसे लोकप्रिय आनंदी यानी नायिका के रूप में आज भी दर्शक अविका गौर को ही याद करते हैं। शादीशुदा छोटी बच्ची के रूप में अविका ने बहुत ही जीवंत अभिनय किया था।