एनडीटीवी ने बीएसई को बताया, नहीं बेची चैनल में हिस्सेदारी
एनडीटीवी ने स्पाइसजेट द्वारा टेकओवर किए जाने की खबर का खंडन किया है। चैनल ने बयान जारी कर कहा है, "एनडीटीवी ने बीएसई को सूचित किया है कि कंपनी के प्रमोटरों ने कंपनी में किसी भी व्यक्ति को अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए कोई भी समझौता नहीं किया है।"
दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में संभावना जताई गई थी कि स्पाइसजेट के सह-संस्थापक और मालिक अजय सिंह एनडीटीवी की बागडोर सम्हाल सकते हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया कि स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग एडिटर अजय सिंह के पास एनडीटीवी के करीब 40 प्रतिशत शेयर होंगे। जबकि प्रणय रॉय और राधिका रॉय के पास करीब 20 प्रतिशत शेयर होंगे। अजय सिंह एनडीटीवी का 400 करोड़ रुपये का कर्ज भी वहन करेंगे। कुल सौदा करीब 600 करोड़ रुपये में हुआ बताया गया। सौदे में करीब 100 करोड़ तक नकद रॉय दंपति को मिल सकने की बात भी कही गई।
कौन है अजय सिंह
दिल्ली के सेंट कोलंबा से पढ़े अजय सिंह आईआईटी दिल्ली से बीटेक हैं। उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है और दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की भी पढ़ाई की है। अजय सिंह ने जनवरी 2015 में स्पाइसजेट की बागडोर संभाली थी। और इसे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान प्रमोद महाजन के ओएसडी रह चुके हैं। यह भी कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के दौरान “अबकी बार मोदी सरकार” का नारा अजय सिंह ने ही बनाए। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के चुनावी अभियान में अहम भूमिका निभाई थी।
एनडीटीवी के प्रमोटरों पर पड़े थे छापे
गौरतलब है कि एनडीटीवी के प्रमोटर्स प्रणय रॉय, राधिका रॉय और प्रमोटर संस्था आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड की सीबीआई वित्तीय लेन-देन के एक मामले में जांच कर रही है। 5 जून को सीबीआई ने रॉय दंपति के निवास और दफ्तर पर बैंक लोन न चुकाने से संबंधित मामले में छापा मारा था। हालांकि एनडीटीवी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया।