ऐक्टिविस्ट महिलाओं ने किया अर्णब गोस्वामी का बहिष्कार
अर्णब को ख़त लिखने वालों में सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट बृंदा ग्रोवर, मद्रास हाईकोर्ट की एडवोकेट सुधा रामलिंगम, वरिष्ठ पत्रकार पामेला फिलिपोस, सूचना के अधिकार के लिए लड़ने वाली अरुणा रॉय और अंजली भारद्वाज, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की कविता कृष्णन और पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिवर्टीज (पीयूसीएल) की कविता श्रीवास्तव शामिल हैं।
ख़त में कहा गया है कि अर्णब कभी अपने कार्यक्रम में बहस की नैतिकता का ध्यान नहीं रखते। वह विरोधी विचार के लोगों की बेइज्जती करते हैं। ऐसा लगता है कि उनका शो के सरकार या गुप्तचर संस्थाओं का एजेंडा लागू करता है।
ख़त में न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए) की तरफ से जारी मीडिया के उसूलों का हवाला देते हुए कहा गया है कि अर्णब कभी उनका पालन नहीं करते हैं। वह हमेशा पक्षपातपूर्ण व्यवहार करते हैं। ख़ास तौर पर जन आंदोलनों से जुड़े लोगों को लेकर उनका व्यवहार अपमानजनक होता है।