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24 November 2015

एबेकस तकनीकी से तीन हजार बच्चों ने चुटकियों में सवालों का निकाला हल

आउटलुक

नोएडा के एक्सपो सेंटर में एसआईपी अकादमी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जब बच्चों ने एबेकस तकनीकी के जरिए सवालों को हल किया तो सभी हैरान रह गए। केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रामशंकर कठेरिया इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। एबेकस का इस्तेमाल पूरी दुनिया में व्यवसाय के लिए किया जाता था, जो लकड़ी की स्लेट के आकार में होता था। इसमें पाच तार होते थे, जिसमें मोती पिरोई जाते थे। इसका इस्तेमाल व्यवयास में पैसों को गुणा और जोड़- घटाने के लिए किया जाता था। एबकेस का इस्तेमाल बैंक तक में भी किया जाता था। वहीं, नई तकनीकी के आने के बाद इसका इस्तेमाल बच्चों के खिलौने के रूप में होने लगा, जिससे वे गणित के सवालों को सॉल्व करते थे।

 एसआईपी ने लिम्का बुक रिकॉर्ड में अब तक चार बार 2005,2007, 2010 और 2011 में अपना नाम दर्ज किया है। इतना ही नहीं वर्ल्ड वाइड अचीवर अवॉर्ड में इसने भारत में बेस्ट कोचिंग का भी खिताब हासिल किया है, जो बच्चों को स्किल को बढ़ाने में सफल साबित हुआ है। बच्चों को ट्रेंड करने के लिए एबेकस, ब्रेन जिम और स्पीड राईटिंग के जरिए बच्चों को नंबरों के साथ एन्जवॉय करना सिखाया जाता है। क्षमताओं को बढ़ाने के लिए बच्चों को अलग-अलग खैल और पजल के जरिए समझाया जाता है ताकि वह गणित और उनके नंबरों से डरे नहीं बल्कि मजे से सॉल्व करें। बच्चों को इस क्षमता को बढ़ाने का मकसद है उनका समय बचाना ताकि वह और भी चीजों में भाग ले सकें। बच्चों की इस स्किल क्षमता बढ़ाने वाले कंपीटीशन में 7 से 12 वर्ष के बच्चे भाग लेते हैं, जिन्हें बड़े ही कम पैसों में यह स्किल सिखाई जाती है।

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TAGS: एबेकस, एसआईपीए सवाल, शिक्षा, तकनीकी, गणित, बच्चे, SIP, abacus, challenge
OUTLOOK 24 November, 2015
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