शनि के चंद्रमा पर भी हैं घाटियां
नासा ने बताया कि इससे टाइटन पर तरल पदार्थ से भरे चैनलों की मौजूदगी का पहला सीधा संकेत मिलता है। साथ ही यह गहरी घाटियों का पहला निरीक्षण भी है।
वैज्ञानिकों ने जिन आंकड़ों का अध्ययन किया है वह कैसिनी ने मई 2013 में टाइटन के बेहद करीब से गुजरते हुए लिए थे। इस दौरान कैसिनी के राडार उपकरण ने उन चैनलों पर खुद को केंद्रित किया था जो उत्तरी सागर लिजिया मेर से बाहर निकली थीं।
अध्ययन में पाया गया कि चैनल संकरी घाटियां हैं जिनकी चौड़ाई एक किलोमीटर से कम है। ये घाटियां 40 डिग्री का झुकाव लिए हुए हैं। गहराई नापे जाने पर पता चला कि कुछ घाटियां तो उपर से नीचे तक 240 मीटर से 570 मीटर तक गहरी हैं।
राडार से लिए गए चित्रों में शाखाओं में बंटे चैनल उसी तरह गहरे रंग के नजर आ रहे हैं जैसे टाइटन के मिथेन वाले समुद्र नजर आते हैं। इससे संकेत मिलता है कि चैनल भी तरल पदार्थ से भरे होंगे लेकिन अब तक तरल पदार्थ की मौजूदगी के बारे में स्पष्ट पता नहीं चला है।
पूर्व में यह स्पष्ट नहीं था कि गहरे रंग का पदार्थ क्या कोई तरल है या सिर्फ संतृप्त तलछट है। टाइटन के ठंडे तापमान में बर्फ से बनी होगी न कि चट्टान से।
एजेंसी भाषा