Advertisement
30 August 2016

मुंबई की मालविका : न 10 वीं न 12 वीं, सीधे मैसाचुसेट्स में पढ़ेंगींं

google

मुंबई की इस लड़की को विज्ञान के स्नातक की पढ़ाई करने के लिए छात्रवृति मिली है। मालविका ने तीन बार दो रजत और एक कांस्य पदक प्राग्रामिंग ओलंपियाड में हासिल किया था, जिसके बाद उन्हें बिना डिग्री के ही एमआइटी में दाखिला मिल गया। दरअसल एमआइटी के एक प्रावधान के अनुसार वह विभिन्न ओलंपियाड: गणित, भौतिकी या कंप्यूटर: में मेडल जीतने वाले लड़के-लड़कियों को अपने यहां दाखिला देता है।

यह मालविका का मेडल ही था जिसने उन्हें इस प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट में न केवल दाखिला दिलाया बल्कि अपने सपनों को पूरा करने का मौका भी दिया।

मालविका अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए कहती हैं, मैंने चार साल पहले ही स्कूल छोड़ दिया था। उसके बाद मैंने कई विषयों को पढ़ा, प्रोग्रामिंग उनमें से एक था। मुझे प्रोग्रामिंग काफी अच्छा लगा और मैंने दूसरे विषयों की अपेक्षा इस पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया। मालविका का एडमिशन 12वीं की डिग्री नहीं होने के कारण आईआईटी में नहीं हो पाया था। आईआईटी जैसे भारतीय संस्थानों में प्रवेश के लिए कठोर नियम हैं और वहां 12वीं पास होना जरूरी है।

Advertisement

उन्हें सिर्फ चेन्नई के मैथेमेटिकल इंस्टीट्यूट सीएमआई में एमएससी में एडमिशन मिला था क्योंकि उनका ज्ञान बीएएसी डिग्री के मानक के बराबर था। मालविका की इस कहानी के पीछे उनकी मां का सबसे बड़ा हाथ था क्योंकि चार साल पहले उन्होंने मालविका को स्कूल से निकालने का कठिन निर्णय लिया था। मालविका मुंबई के दादर पारसी यूथ असेंबली स्कूल में सातवीं में पढ़ रही थी, जब उनकी मां ने उन्हें स्कूल से निकाल लिया था। वह दिखाना चाहती थीं कि प्रतिभा नंबरों से कहीं ज्यादा अहम है। भाषा एजेंसी 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: मुंबई, अमेरिका, मालविका राज जोशी, 10 वीं, 12 वीं, एमआईटी, मैसाचुसेट्स, कंप्‍यूटर प्रो्ग्रामिंग, computer programming, mumbai, malvika, america, MIT, IIT, graduation
OUTLOOK 30 August, 2016
Advertisement