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09 October 2015

3डी स्पेस कंटेनर चैलेंज में दो भारतीय

प्रतियोगिता में छात्रों को ऐसे कंटेनर डिजाइन करने को कहा गया था जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में चीजें व्यवस्थित रखने में मदद मिल सके।

एरिजोना के राजन विवेक और डेलावेयर के प्रसन्ना कृष्णमूर्ति ने इसके लिए कोशिश की और दोनों अंतिम दस में पहुंच गए। लेकिन बाद में यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता कैलिफोर्निया के रयान बीम ने प्रतियोगिता जीत ली।

बीम ने क्लिपकैच डिजाइन किया जिससे अंतरिक्ष यात्री यह चिंता किए बिना अपने नाखून काट सकेंगे कि उनके नाखून उड़ेंगे और संभवत: हानिकारक मलबा बन जाएंगे।

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जबकि राजन ने हाइड्रोपोनिक प्लांट बॉक्स कंटेनर बनाया जो गुरूत्वाकर्षण के अभाव वाले वातावरण में पौधों को जड़ें फैलाने की जगह देते हुए जल संग्रहण की चुनौती से निपटता है।

नासा ने कहा कि हाइड्रोपोनिक्स की मदद से बिना मिट्टी के पौधे उग सकेंगे। यह अंतरिक्ष यान में बहुत प्रभावी होगा क्योंकि इसके लिए कम स्थान की आवश्यकता है और इसमें मजबूत पौधे तेजी से उगेंगे।

प्रसन्ना ने कलैप्सबल कंटेनर विकसित किया है। नासा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में सीमित स्थान का इस्तेमाल करने के मकसद से बनाया गया कलैप्सबल कंटेनर इसमें भरी सामग्री के अनुसार फैल और सिकुड़ सकता है।

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TAGS: NASA, 3-D space container, Indian american teens, rajan vivek, prasanna krishnamurthy, नासा, 3 डी स्पेस कंटेनर, भारतीय अमेरिकी किशोर, राजन विवेक, प्रसन्ना कृष्णमूर्ति
OUTLOOK 09 October, 2015
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