70 साल पहले ग्वालियर में पानी पर उतरते थे हवाई जहाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अहमदाबाद में साबरमती नदी से धारोई बांध तक का सफर सी प्लेन से किया था। 14 दिसंबर को गुजरात में होने वाले मतदान से पहले इसे देश की पहली सी प्लेन सेवा के तौर पर प्रचारित करने की भाजपा की तरफ से कोशिश की गई। हालांकि कुछ ही घंटों में यह साफ हो गया कि सात साल पहले 2010 में अंडमान में भी सी-प्लेन की सेवा शुरू की गई थी जो अब बंद हो चुकी है।
पर आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आज से 70 साल पहले पानी पर उतरने वाले हवाई जहाज़ आते थे। बात दूसरे विश्व युद्ध के समय की है। ब्रिटिश वायुसेना को अपने हवाई बेड़े के लिए जब ईंधन की जरूरत पड़ती थी तो विमान ग्वालियर के तिघरा बांध पर उतरते थे। उस समय ग्वालियर में हवाई अड्डा नहीं था। इन विमानों की लैंडिंग की तस्वीरें भी मौजूद हैं।
उस समय पेट्रोलियम के बड़े कारोबारी नगर सेठ लाला भिखारीदास, लाला काशीनाथ का तेल का कारोबार था। उनके यहां से इन बीच क्राफ्ट या सी-प्लेन को ईंधन सप्लाई होता था। द्वितीय विश्व युद्ध के समय तिघरा के पानी पर उतरे हवाई जहाजों की फोटो ब्रिटेन के "एम्पीरियल वार म्यूजियम" में हैं।