स्कूल के समय से ही ‘दागदार’ रही है गुरमीत राम रहीम की छवि
कथित तौर पर स्कूल के समय से ही गुरमीत राम रहीम की छवि दागदार रही है। स्कूल में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के आरोप में गुरमीत को निकाल दिया गया था। इतना ही नहीं, डेरा प्रमुख की शिकायतों से उनके घरवालों को भी शर्मिंदगी होती थी। बता दें कि डेरा प्रमुख की शख्सियत किशोरावस्था से ही रंगीनमिजाज की थी।
हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, गुरमीत के राजदारों का कहना है कि राम रहीम का जन्म राजस्थान के श्रीगंगानगर में 15 अगस्त 1967 को हुआ, वो अपने पिता मघर सिंह के साथ डेरे पर जाया करता था, जो डेरे के दूसरे गद्दीनशीं शाह सतनाम जी के शिष्य थे, लेकिन शाह सतनाम जी ने राम रहीम को 23 साल की उम्र में डेरे की गद्दी सौंप दी। डेरे के साधक रहे कई लोग बताते हैं कि तीसरे गद्दीनशीं यानी राम रहीम को चुनने के मामले में शाह सतनाम जी से गलती हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक समय में ये डेरा न सिर्फ हरियाणा, बल्कि पंजाब, राजस्थान, यूपी समेत आस-पास के कई राज्यों में श्रद्धा और भक्ति का केंद्र हुआ करता था। इस आश्रम की बुनियाद 69 साल पहले 29 अप्रैल 1948 को संत बेपरवाह मस्ताना जी महाराज ने रखी थी। लोग बताते हैं कि वे काफी पहुंचे हुए संतों में से एक थे। लोगों का कहना है कि जब बेपरवाह मस्ताना जी ने डेरे की शुरुआत की थी तो डेरे में भक्ति का माहौल हुआ करता था। उसके बाद सतनाम जी भी उन्हीं के नक्शे-कदम पर चले। लेकिन रहीम के कमान सभांलने के बाद से ही डेरे के माहौल में बदलाव होने लगा। और आज बाबा अपनी करतूतों की वजह से जेल भी पहुंच गया।
रिपोर्ट के मुताबकि, राम रहीम शुरू से ही न सिर्फ रसिया किस्म का लड़का था, बल्कि स्कूल के दिनों से ही लड़कियों को छेड़ना, आस-पास के लोगों को परेशान करना उसकी आदतों में शुमार था। लड़कियों के साथ छेड़खानी की वजह से नौवीं क्लास में गुरमीत को स्कूल से निकाल भी दिया गया था। दसवीं में इन्हीं हरकतों की वजह से किशोर गुरमीत फेल हो गया थ्ाा और उसका कंपार्टमेंट आया था, ये है आज के बाबा का दसवीं का रिजल्ट।
बता दें कि पंचकूला सीबीआई कोर्ट की ओर से रेप केस में 25 अगस्त को दोषी ठहराए जाने के बाद सोमवार को ढाई बजे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाई जानी है, जिसकी सुनवाई रोहतक जेल में चल रही है।