यूपी: सहारनपुर की इन बेटियों ने बनवाए 1500 से अधिक शौचालय
देश में स्वच्छता को लेकर लोग काफी जागरूक हो रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ये सभी लोग अपना-अपना सहयोग देकर देश को स्वच्छ और खुले मे शौच से मुक्ति दिलाने के प्रयासों में जुटे हैं। इनमें कई लोग ऐसे भी हैं जो बिना किसी सरकारी मदद के स्वच्छता को लेकर काम कर नई मिसालें कायम कर रहे हैं। एक ऐसी ही मिसाल उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की है, जहां एक महिला समूह के प्रयासों से 1500 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नगर समिति पार्षद डीबी पांडेय ने बुधवार को इस खबर की जानकारी देते हुए बताया कि समाज को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से सहारनपुर की बेटियों ने यह सराहनीय कदम उठाया। उन्होंने बताया कि इनके प्रयासों से पिछले दो सालों में 1500 से अधिक शौचालयों का निर्माण हो चुका है।
With the aim of making society open defecation free, a team of girls in Saharanpur construct toilets, working for the last two years pic.twitter.com/ajblR025qi
— ANI UP (@ANINewsUP) September 20, 2017
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि इन महिलाओं के सहयोग से 1500 से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ है, जिनमें 167 शौचालय बिना किसी सरकारी सहायता के बने हैं।
Girls' efforts led to construction of over 1500 toilets. 167 toilets built without any govt help: DB Pandey, Municipal Committee Councillor pic.twitter.com/YJwUrHhRLO
— ANI UP (@ANINewsUP) September 20, 2017
बता दें कि इन महिलाओं ने सितंबर 2015 से गांवों में शौचालय बनवाने के लिए काम करना शुरू किया था। उस समय वह सिर्फ 11 लोग थे और अब 110 लोग उनके साथ काम कर रहे हैं। जिले में अभी तक वह 1500 से अधिक शौचालयों का निर्माण करा चुके हैं और 45 गांवों को खुले में शौच से मुक्त करा चुके हैं। उनका प्रयास है कि वह पूरे जिले को खुले में शौच से मुक्ति दिला सकें। उन्होंने यह अभियान बिना किसी सरकारी मदद के शुरू किया था, लेकिन अब वह स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ गए हैं।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले का मुबारकपुर काला गांव भी एक ऐसा गांव है, जहां के लोगों ने पैसे इकट्ठा कर सार्वजनिक शौचालय बनवाकर मिसाल कायम की। लेकिन इसमें खास बात यह है कि इस काम के लिए गांव वालों ने सरकारी मदद नहीं ली। जिसके बाद गांव वालों की मेहनत रंग लाई और गांव को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया।