जुनून: पर्यावरण सरंक्षण को लेकर लगा डाले 38 हजार पेड़
दरअसल, योगानाथन नाम के ये पर्यावरण प्रेमी पिछले 18 वर्षों से तमिलनाडु रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन के अंतर्गत मरुधामलाई-गांधीपुरम 20 नंबर की बस में कंडक्टर की सेवा देने का काम कर रहे हैं। ये बस कंडक्टर 28 सालों में अकेले लगभग 38 हजार से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं। उन्होंने युवाओं को पर्यावरण संरक्षण और जंगली जीवों की रक्षा को लेकर भी जागरुक करने का काम किया है।
गौरतलब है कि बारहवीं पास योगानाथन पिछले 32 सालों से पेड़ लगाने का काम करते आ रहे हैं। योगनाथन ने मीडिया से हुई बातचीत के दौरान बताया, मैं नागापट्टीनम के पास मईलादुथुरई का रहने वाला हूं। शुरुआत में मैं अपनी स्कूलिंग खत्म करने के बाद नीलगिरी में एक सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर काम करता था, वहां की प्राकृतिक सौंदर्यता देख कर विष्मित हो जाता था। जब मैंने वहां लोगों के द्वारा पेड़ों को कटते हुए देखा तो मैंने इसका विरोध करना शुरु किया। ये घटना ही मेरे मन में घर कर गई और मैंने पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ करने की ठान ली।
उन्होंने बताया कि बाद में चाय के कारखाने में काम करते हुए उन्हें टीएनएसटीसी में बस कंडक्टर पर नियुक्ति हो गई और इसके बाद वे कोयंबटूर चले गए। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने पर्यावरण के लिए अपना योगदान देना नहीं छोड़ा। उनके पेड़ लगाने की इस जिद को तमिलनाडु ग्रीन मूवमेंट जयाचंद्रन ने भी सहयोग किया। पेड़-पौधे लगाना और जंगली जीवों की सुरक्ष करना उनका जूनून है। साथ ही, वे युवा पीढ़ियों के बीच इस बात का संदेश फैलाने में भी यकीन रखते हैं।
पर्यावरण प्रेमी ने बताया कि मैं कई कॉलेज और विश्वविद्यालय में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर भी विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने का काम करता हूं। हाल ही में मुझे एक लोकल कला औऱ विज्ञान कॉलेज में एक गेस्ट लेक्चरर के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा स्कूलों की नेशनल सर्विस स्कीम के तहत उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति आगाह करने के लिए आमंत्रित किया गया था।