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01 September 2017

पढ़ाई के डर से चार साल तक कमरे में कैद रहे भाई-बहन

दरअसल, यह घटना कहीं और की नहीं बल्कि हरिद्वार की है, जहां लगभाग चार साल से दो बहन-भाइयों ने खुद को पढ़ाई के खौफ से अलग-अलग कमरों में कैद कर लिया, दोनों भाई-बहन कमरे में ही खाना मंगाकर खाते थे और किसी से मिलते नहीं थे। लंबे समय से दोनों ने धूप नहीं देखी। रात में जागना और दिन में सोना इनका रुटीन बन गया था।

पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई के निर्देश

हाल ही में जब इस पूरी घटना की जानकारी महिला हेल्पलाइन को मिली, तो उन्होंने दोनों को कमरे से बाहर निकाला। इसके साथ ही किसी ने इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को भी दे दी, जिसके बाद एसपी सिटी ममता बोहरा ने महिला हेल्पलाइन प्रभारी कविता रानी को जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देश दिया। इस मामले पर मंगलवार को प्रभारी कविता रानी और सिपाही सीता पांडे ने उनके घर पहुंचकर जानकारी जुटाई।

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पड़ोसियों ने पुलिस को दी सूचना

ज्वालापुर कोतवाली अंतर्गत रानीपुर मोड़ स्थित एक दो मंजिला इमारत में रहने वाले दोनों बच्चों के पिता सिडकुल स्थित एक कंपनी में मैनेजर और मां गृहणी हैं। वर्ष 2013 से दोनों भाई-बहन नहीं दिखाई दे रहे थे, जिसके बाद किसी ने इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को दे दी और फिर इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।

दिसंबर 2013 से कमरे में कैद थे भाई-बहन

पुलिस और महिला हेल्पलाइन की जांच में पता चला कि दोनों भाई-बहन पहली मंजिल में अलग-अलग कमरे में रहते हैं। दोनों किसी से नहीं मिलते हैं। माता-पिता ने पुलिस टीम को बताया कि भाई-बहन पढ़ाई नहीं करना चाहते थे, जिसके चलते दोनों ने खुद को लंबे समय से कमरे में कैद कर लिया था। माता-पिता ने टीम को बताया कि दिसंबर 2013 से दोनों अकेले ही रहते हैं। भूख लगने पर मां को आवाज लगाकर खाना मांगते हैं। इस पर पुलिस टीम ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास ‌किया, ले‌किन दोनों में से ‌किसी बच्‍चे ने दरवाजा नहीं खोला। पुलिस टीम ने जब दरवाजा तोड़ने की चेतावनी तभ्‍ाी उन दोनों ने दरवाजा खोला। दोनों को देखकर पुलिस टीम दंग रह गई।

दरवाजा खोलने पर दिखा चौंकाने वाला नजारा

पुलिस टीम ने पाया कि भाई-बहन के नाखून व बाल बढ़े हुए हैं। बाल व नाखून बेहद गंदे हैं। दोनों लंबे समय से नहाए नहीं हैं। हेल्पलाइन प्रभारी कविता रानी ने बताया कि उन्होंने दोनों को समझाया और उन्हें परिजनों के साथ रहने की बात कही। दोनों को बाहर निकालने के बाद पुलिस ने कमरों में ताला लगा दिया है। हेल्पलाइन प्रभारी ने बताया कि किशोर ने आठवीं की कक्षा की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी, जबकि युवती बालिग हो चुकी है। उसने कक्षा दसवीं की पढ़ाई पूरी कर ली थी। दोनों पढ़ाई नहीं करना चाहते थे।

एसपी सिटी का बयान

वहीं, इस पूरी घटना को लेकर एसपी सिटी ममता बोहरा ने बताया कि परिजनों व बच्चों को कहा गया कि एक साथ खुश होकर जीवन व्यतीत करें। उन्होंने बताया कि बच्चों से इसकी वजह पूछे जाने पर दोनों ने कहा कि वे केवल अवकाश का समय चाहते हैं, पढ़ाई से बचने के लिए खुद को बंद ‌किया थ्‍ाा।

 

 

 

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TAGS: avoid, study, brother-sister, confined, themselves, a room
OUTLOOK 01 September, 2017
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