Advertisement
15 June 2018

Video: ‘टाइपिंग अम्मा' लक्ष्मीबाई ने सुनाई अपनी दास्तां, तो इसलिए इस उम्र में करती हैं काम

ANI

मध्य प्रदेश के सिहोर में 72 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला का एक वीडियो पिछले काफी समय से सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में लक्ष्मीबाई नाम की ये बुजुर्ग महिला जिला कलेक्ट्रेट के सामने टाइपराइटर पर दस्तावेज टाइप कर अपनी आजीविका चलाती हैं।

सहवाग ने बताया सुपरवुमन

इस वीडियो के सामने आने के बाद लोगों ने इन्हें टाइपिंग अम्मा का नाम दिया। वहीं, क्रिकेटर विरेंद्र सिंह ने ट्विटर पर इस महिला का वीडियो शेयर कर उन्हें 'सुपरवुमन' बताया। सहवाग ने लिखा है, 'ये मेरे लिए सुपरवुमन हैं। ये मध्यप्रदेश के सिहोर में रहती हैं और युवाओं को इनसे सीख लेनी चाहिए। ना केवल स्पीड बल्कि लगन और कोई काम छोटा नहीं होता... सीखने और काम करने की उम्र नहीं होती, प्रणाम!'

Advertisement

लक्ष्मी का टाइपिंग करने का तरीका बहुत ही उम्दा है। वह बहुत ही तेजी से टाइपिंग करती हैं, वो भी टाइपराइटर को बिना देखे।

इसलिए इस उम्र में काम करने को मजबूर लक्ष्मीबाई

लक्ष्मी बाई का कहना है कि बेटी के एक्सीडेंट के बाद कर्ज चुकाने के लिए उन्हें यह काम संभालना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह भीख नहीं मांग सकती हैं। इस काम को दिलाने में उनकी मदद जिलाधिकारी राघवेंद्र सिंह और एसडीएम भवन ने की है।

यहां देखें वीडियो- 


 

बुजुर्ग को खुशी है कि उनका ये वीडियो शेयर हो रहा है

वहीं, इस बारे में जब लक्ष्मी से इस बारे में पूछा गया कि उन्हें कैसा लग रहा है कि वीरेंद्र सहवाग ने उनका वीडियो शेयर किया है तो उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि उन्होंने वीडियो शेयर किया। लक्ष्मी ने आगे कहा कि उन्हें कर्ज चुकाने और एक घर के लिए मदद की जरूरत है।

आज कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं लक्ष्मीबाई 

दरअसल, लक्ष्मीबाई आज कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं। लक्ष्मीबाई भले ही आज 72 साल की हों लेकिन उनमें आज भी काम के प्रति जुनून और जज्बा है। उन्होंने अपने संघर्षों से कभी हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि संघर्ष हमेशा ही उनकी जिंदगी का हिस्सा रहा है।

वैवाहिक जीवन में दरार आने के बाद से मैंने अपने पैरों पर खड़े होने की ठान ली: लक्ष्मीबाई 

बुजुर्ग महिला ने कहा, 5 दशक पहले उनके वैवाहिक जीवन में दरार आने के बाद से ही उन्होंने अपने पैरों पर खड़े होने की ठान ली थी। उन्होंने का कि उनकी दीव्यांग बेटी के कारण उनके वैवाहिक जीवन में परेशानी आई और उनके पति ने उन्हें और उनकी बेटी को छोड़ दिया।

अब दस्तावेज टाइप करती हैं ये

लक्ष्मीबाई ने आगे बताया, इसके बाद मैंने इंदौर के सहकारी बाजार में पैकिंग का शुरू किया। उस काम से किसी तरह घर का गुजारा चल जाता था। इस काम को करते हुए ही मैंने टाइपिंग सीखी लेकिन कुछ वक्त बाद ही सहकारी बाजार बंद हो गया।

इसके बाद जीवन में नए काम की तलाश में मैं अपने रिश्तेदारों के पास सीहोर चली गई। यहां शुरुआत में कुछ छोटे मोटे कामों से कुछ दिनों तक खर्चा चला और फिर मैंने टाइपराइटर खरीद लिया। जिसके बाद तात्कालीन कलेक्टर राघवेंद्र सिंह और वर्तमन एसडीएम भावना बिलम्बे की मदद से उन्हें कलेक्टर दफतर में बैठने की जगह मिली।  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: WATCH, A 72-year-old, woman in MP, earns, a livelihood, by typing documents, on a typewriter
OUTLOOK 15 June, 2018
Advertisement