गुपकार गठबंधन में सब कुछ सही नहीं ? इसलिए लग रही हैं ये अटकलें
ऐसा लग रहा है कि गुपकार गठबंधन में सब कुछ सही नहीं चल रहा है और अब अंदरखाने की मदभेद पिछले कई दिनों से खुलकर सामने भी आ रही है। कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के सांसद फारुख अब्दुल्ला ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने मुफ्ती साहब से कहा था कि मुझे सत्ता का लालच नहीं है। मैंने पहले ही एक सीएम के रूप में 6 साल तक सेवा की थी और मैंने उनसे कहा था कि हम अपने किसी भी विधायक और एमएलसी को सरकार में मंत्री के रूप में नहीं चाहते हैं। मैंने उनसे कहा कि हम बिना शर्त समर्थन करेंगे, लेकिन कृपया उन्हें (भाजपा) यहां (जम्मू-कश्मीर) न लाएं।"
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा, "हालांकि, उस समय उनकी (मुफ्ती मोहम्मद सईद) कुछ मजबूरियां रही होंगी। 'लम्हों ने खता की, सदियों ने सज़ा पाई'। अब हम नहीं जानते कि हमें उस एक फैसले के लिए कब तक दंडित किया जाएगा।"
फारूक अब्दुल्ला के इस बयान के बहुत मायने निकाले जा रहे हैं। जाहिर हो कि, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा है और ये पहला मौका नहीं है जब उनके बीच चल रहे मतभेद खुलकर सामने आए हैं।
इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने एक रैली में अप्रत्यक्ष रूप से पीडीपी पर हमला करते कहा था कि कश्मीर के स्पेशल स्टेटस के खत्म होने के पीछे भाजपा और पीडीपी गठबंधन जिम्मेदार है। जिसपर पीडीपी ने कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि बाद में डैमेज कंट्रोल करते हुए पीडीपी नेता नईम अख्तर ने कहा कि यह उन लोगों के हाथों में खेलने का समय नहीं है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को शक्तिहीन किया है। हम चाहते हैं कि सभी दल एकजुट होकर लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए खड़े हों।