वह उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को विभाजित कर और भाजपा के साथ गठजोड़ कर मुख्यमंत्री बने थे।
शिवसेना का नेतृत्व कर रहे शिंदे ने कहा, ‘‘डबल इंजन सरकार (शिंदे के नेतृत्व में) पूरी गति से चली और मैंने और देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि हम 200 से अधिक सीटें जीतेंगे। हमने (2024 के विधानसभा चुनावों में) 232 सीटें जीतीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हल्के में मत लीजिए। जो लोग इसे समझते हैं, उनके लिए यह संकेत काफी है। मैं अपना काम जारी रखूंगा।’’
हालांकि, शिंदे और फडणवीस, दोनों ने इस बात से इनकार किया है कि कोई मतभेद है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों से पता चलता है कि तनाव बढ़ रहा है।
पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव के बाद, शिंदे को (नयी सरकार में) अपनी भूमिका बदलने के लिए सहमत होना पड़ा और पिछली सरकार में उनके डिप्टी (उप मुख्यमंत्री) रहे फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया।
राकांपा नेता अदिति तटकरे और भाजपा के गिरीश महाजन को क्रमश: रायगढ़ और नासिक जिलों का प्रभारी मंत्री नियुक्त किए जाने से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि शिवसेना नेताओं ने इस पर नाखुशी जाहिर की।
दोनों नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया और फडणवीस ने अभी तक कोई नया फैसला नहीं लिया है।
दोनों उपमुख्यमंत्रियों -- शिंदे और राकांपा नेता अजित पवार ने उन जिलों में परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखने के लिए परियोजना निगरानी प्रकोष्ठों की स्थापना की है।
हालांकि, मुख्यमंत्री के पास पहले से ही प्रमुख परियोजनाओं की निगरानी के लिए अपना ‘वॉर रूम’ है।
मुख्यमंत्री राहत कोष - जिससे जरूरतमंद मरीजों को मदद मिलती है - पहले से ही मौजूद था, लेकिन शिंदे ने अपना स्वयं का चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ स्थापित किया।
शिंदे, फडणवीस द्वारा बुलाई गई कई बैठकों से भी दूर रहे हैं, जिसमें उत्तरी महाराष्ट्र के शहर में 2027 के (नासिक)कुंभ मेले की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए नासिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण की बैठक भी शामिल है।
उन्होंने नासिक में एक अलग बैठक की, जिसमें भाजपा कोटे से मंत्री गिरीश महाजन अनुपस्थित थे।
फडणवीस द्वारा उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक करने के बाद, शिंदे ने हाल ही में एक और बैठक की। उद्योग विभाग का नेतृत्व शिवसेना मंत्री उदय सामंत कर रहे हैं।
रिश्तों में तनाव बढ़ने की चर्चा उस वक्त और तेज हो गई, जब फडणवीस के नेतृत्व वाले गृह विभाग ने शिवसेना के 20 विधायकों की पुलिस सुरक्षा घटा दी या वापस ले ली।
वर्ष 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद, उन्हें सुरक्षा कवर दिया गया था।
इस सप्ताह की शुरुआत में शिंदे ने कहा था कि उनके और फडणवीस के बीच कोई ‘‘शीत युद्ध’’ नहीं चल रहा है।