बिहार में उथल पुथल के बीच बीजेपी ने पटना में बुलाई पार्टी सांसदों-विधायकों की बैठक; कांग्रेस खेमे में भी हलचल
बिहार में राजनीतिक उथल पुथल के बीच उहापोह की दिलचस्प स्थिति के बीच भारतीय जनता पार्टी ने पटना में अपनी पार्टी के सांसदों व विधायकों की बैठक आहूत की है। राज्य की महागठबंधन सरकार पर कथित संकट मंडरा रहा है और कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार एनडीए के साथ एक नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं। बहरहाल, कांग्रेस ने भी बैठक बुलाई है।
भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के अनुसार, यह बैठक आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी की रणनीति तैयार करने के लिए बुलाई गई है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने अबतक तारीखों की घोषणा नहीं की है।
इसी दौरान नीतीश कुमार की जेडीयू के बारे में जब प्रदेश अध्यक्ष से सवाल किया गया तो उन्होंने सीनियर्स का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया। चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि उनके स्तर पर इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है।
वो बात अलग है कि शुक्रवार को राजभवन के सरकारी कार्यक्रम में सीएम नीतीश की मौजूदगी और तेजस्वी यादव की गैर मौजूदगी ने कई सवाल खड़े किए। और तो और, वो सम्राट चौधरी ही थे, जिन्होंने तेजस्वी यादव की कुर्सी से उनके नाम की पर्ची हटाकर उसपर बैठकर सुर्खियां बंटोरी थी।
हालांकि, भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को इस नई दोस्ती के बारे में कई हिंट दिए। इसमें सबसे बड़ा इशारा भाजपा नेता सुशील मोदी की तरफ से आया। उन्होंने कहा था, "राजनीति में दरवाजे कभी भी पूर्ण या स्थायी रूप से बंद नहीं होते। जब आवश्यकता होती है, दरवाजे खोले जा सकते हैं।"
एक दूसरी हलचल में कांग्रेस भी अपने आप को असहज महसूस कर रही है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में भाजपा सूत्रों के हवाले से दावे किए गए कि कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के साथ बातचीत में हैं। इसी बीच बिहार कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने पार्टी के विधायकों, पूर्व विधायकों की एक बैठक शनिवार दोपहर 2 बजे पूर्णिया में बुलाई है।
उन्होंने उन रिपोर्टों का भी खंडन किया कि बैठक का राज्य के नवीनतम राजनीतिक घटनाक्रम से कोई लेना-देना है। खान ने कहा, "सभी विधायक, वरिष्ठ नेता पूर्णिया में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारियों पर चर्चा के लिए मिल रहे हैं।" बता दें कि यात्रा 29 जनवरी को बिहार में प्रवेश करेगी।
खान ने आगे कहा, "यात्रा 29 जनवरी को राज्य में प्रवेश करने वाली है और उसी दिन किशनगंज में पहली सार्वजनिक बैठक होगी। इसके बाद 30 और 31 जनवरी को क्रमश: पूर्णिया और कटिहार में दो और रैलियां होंगी।"