भड़की ममता तो ओवैसी ने दिया जवाब, 18 साल पहले ऐसा क्या हुआ था
पश्चिम बंगाल चुनाव का दो चरण संपन्न हो चुका है। अभी छह चरण के चुनाव बाकी हैं। इस चुनाव में मुख्यरूप से सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने सत्ता की राह देख रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है। दोनों प्रमुख पार्टियां आमने-सामने है। भाजपा हिंदू वोट बैंक को अपने पाले में करने के लिए हर दांव पेंच खेल रही है वहीं, टीएमसी का आरोप है कि इसीलिए कई मुस्लिम नेताओं ने चुनावी मैदान में उतरकर ममता का खेल बिगाड़ने का मन बना लिया है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी ने राज्य की राजनीति में अपने ऐलान के साथ गर्मियां बढ़ा दी है। बीते दिनों चंडीपुर में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निशाना साधते हुए कहा था कि 'हैदराबाद टीम' से सावधान रहना है। यहां बीजेपी का दूसरा चेहरा वोट मांगने के लिए आया है। जनता अपील करते हुए ममता ने कहा, “बाहरी लोगों का समर्थन न करें।”
अब इस पर ओवैसी ने गहरी प्रतिक्रिया दी है और ओवैसी ने ममता पर पलटवार करते हुए कहा कि 2002 को गुजरात जल रहा था और पीड़ित शिविरों में थें। लोकसभा में गुजरात हिंसा की निंदा करने के लिए एक प्रस्ताव पर चर्चा हो रहा था। ममता बनर्जी ने इसके खिलाफ और भाजपा के पक्ष में मतदान किया था। क्या दीदी ने गुजरात के पीड़ितों को मुफ्त में या एक मंत्री पद के लिए बेच दिया?
ओवैसी ने आगे कहा कि आपराधिक गैंग ही क्षेत्रों को अपने बीच बांटते हैं और जब कोई घुसता है तो एक-दूसरे पर हमला करते हैं। चूंकि मैं इस आपराधिक सिंडिकेट का हिस्सा नहीं हूं, इसलिए ममता बनर्जी का परेशान होना लाजिमी है। ‘भाजपा आएगा’ इस नारे के अलावा आपने बंगाल में क्या किया है। ओवैसी ने कहा, हम इंसा हैं और यहां सिर्फ ममता बनर्जी को जिताने के लिए नहीं पैदा हुए हैं। हमें सम्मान, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और राजनीतिक सशक्तीकरण चाहिए। ममता बनर्जी 2003 में भाजपा-आरएसएस के साथ करीबियां बढ़ा रही थी, तब हम उनका विरोध कर रहे थे। वो मंत्री बनीं, सीएम बनीं, पर हमें क्या मिला।