अब ओवैसी बिगाड़ेंगे भाजपा का खेल!, क्या अमित शाह के मंसूबे पर फिर जाएगा पानी
2021 का साल राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम रहने वाल है। केंद्रशासित प्रदेश पुड्डुचेरी समेत कुल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, जिसमें तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और असम है। राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को देखते हुए हर पार्टी तोड़-जोड़ और गठबंधन करने में लगी हुई है। बीते साल संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल की पांच सीटों पर जीत दर्ज कर धाक जमाने वाले ऑल इंडिया मजलिस -ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी अब तमिलनाडु में तीन सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। एआईएमआईएम ने अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) के साथ गठबंधन कर लिया है। इस बात की जानकारी एएमएमके नेता टीटीवी दिनाकरम ने खुद दी। तमिलनाडु विधानसभा की कुल 234 सीटों पर छह अप्रैल को चुनाव होने हैं।
बिहार विधानसभा चुनावा में ओवैसी की एंट्री ने विपक्ष के सामने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे। जिसके बाद विपक्ष ने ओवैसी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का 'बी-टीम' कहा। दरअसल, जो वोट बिहार में विपक्ष का तय माना जाता रहा है, उसमें ओवैसी ने सेंध मार दी। यही कारण रहा कि जहां से ओवैसी ने बिहार चुनाव में सीमांचल सीटों से उम्मीदवार उतारे थे वहां से नीतीश की अगुवाई में एनडीए को मुख्य रूप से टक्कर दे रहे तेजस्वी के महागठबंधन को नुकसान उठाना पड़ा और विपक्ष ने ओवैसी को ‘वोटकटवा’ करार दे दिया।
लेकिन, अब ओवैसी भाजपा के ही वोट में सेंध लगाने वाले हैं। दरअसल, भाजपा ने आगामी चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतारने वाले हैं जबकि ओवैसी ने विपक्षी दल दिनाकरम की अगुवाई वाली पार्टी एएमएमके के साथ गठबंधन कर तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। भाजपा अब दक्षिण की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी हुई है। इसमें सीधे तौर पर ओवैसी भाजपा का चुनावी खेल बिगाड़ेंगे और संभवत: अमित शाह के मंसूबों पर पानी फिरेगा।