नई सरकार में टूट गई नीतीश की 15 साल की जोड़ी, 'मोदी' का छलका दर्द
नीतीश कुमार बिहार के 37वें मुख्यमंत्री पद के रूप में कल यानी सोमवार की शाम 4 बजे शपथ ग्रहण करेंगे। रविवार को हुई एनडीए की बैठक में नीतीश को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया और चौहान ने उन्हें इसके लिए न्योता दिया। यानी नीतीश कुमार सातवीं बार सीएम पद की शपथ लेंगे। इन सबके बीच उपमुख्यमंत्री को लेकर संशय अभी भी बरकरार है। हालांकि, तारकिशोर प्रसाद को बीजेपी के विधानमंडल दल (विधान परिषद और विधानसभा) का नेता चुना गया है। अब ये तय हो गया है कि बीच के कुछ साल छोड़ बीते 15 साल से जमी नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की जोड़ी टूट गई है। बीजेपी नए उपमुख्यमंत्री की तलाश में है। ऐसा इस लिए भी माना जा रहा है क्योंकि इस चुनाव में पार्टी को सबसे अधिक सीटें मिली है और 2025 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये सियासी पिच तैयार किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री को लेकर कई नाम रेस में आगे चल रहे हैं। इसमें सबसे प्रमुख नाम प्रेम कुमार और कामेश्वर चौपाल का है। हालांकि, अभी पार्टी की तरफ से इसकी घोषणा नहीं की गई है।
सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर एक तरफ पार्टी का आभार व्यक्त किया है वहीं उनके ट्वीट में दर्द भी छलका है। सुशील मोदी ने कहा है कि उनसे कोई पार्टी कार्यकर्ता का पद तो नहीं हीं छिन सकता। मोदी ने ट्वीट कर कहा, "भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा।आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा।कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।"
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिली है जबकि भारतीय जनता पार्टी बड़ी पार्टी बनते हुए 74 सीटें पाने में कामयाब रही। जेडीयू को महज 43 सीटें मिली है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की अगुवाई वाली महागठबंध के खाते में 110 सीटें गई है और राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पार्टी को 75 सीटें मिली है।
उपमुख्यमंत्री के रूप में सुशील कुमार मोदी और सीएम नीतीश कुमार की जोड़ी बिहार की सत्ता में हिट रही है। ऐसे दोनों पार्टी के नेताओं का मानना रहा है कि मोदी और कुमार के बीच कभी अनबन या कुछ इस तरह की खबरें नहीं आई। नीतीश कुमार मोदी के साथ काम करने में सहज महसूस करते रहे हैं। लेकिन, अब सुशील कुमार मोदी को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। खबरों की दुनिया और सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि मोदी को बिहार के राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारी मिल सकती है। अब देखना होगा कि नीतीश के नए सहयोगी कौन होंगे, जो इस डबल इंजन सरकार को चलाने में साथ देंगे।