भाजपा- पीडीपी का होगा गठजोड़
सूत्रों ने बताया कि इसकी घोषणा सप्ताहांत या अगले सप्ताह के शुरू में होने की उम्मीद है। पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद यह कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी राज्य से संबंधित मुद्दों पर कोई सौदेबाजी नहीं करेगी। सईद के पूरे छह वर्ष के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद है।
इस बयान की राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने काफी आलोचना की थी और हाल के राज्य सभा चुनाव और आसन्न विधान परिषद चुनाव में भाजपा के साथ आकर सौदेबाजी में शामिल होने का आरोप लगाया था।
उमर ने ट्विट किया, प्रिय मुफ्ती साहब, कृपया यह नहीं कहें कि आप सौदेबाजी नहीं करेंगे क्योंकि विधान परिषद चुनाव में भाजपा की मदद करके आप पहले ही ऐसा कर चुके हैं।
जम्मू कश्मीर के 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 28 विधायक हैं जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं। राज्य में अभी राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।
घटनाक्रम से जुड़े करीबी सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों ने संभवत: एक समिति गठित करने पर सहमति व्यक्त की है जो सशस्त्रा बल विशेष अधिकार कानून के विषय को देखेगी और ऐसे क्षेत्रों के बारे में सुझाव देगी जहां इसे समाप्त किया जा सकता है। अनुच्छेद 370 के विषय पर जहां भाजपा ने कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया है। वहीं साझा न्यूनतम कार्यक्रम में समझा जाता है कि यह कहा जा सकता है कि दोनों दल संविधान के दायरे में राज्य के लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करेंगे।