अमेरिकी घूस, विपक्ष के खिलाफ भाजपा को मौका
दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में विरोधियों के हमले झेलने की रणनीति बना रही भाजपा को एक हथियार मिल गया है। अमेरिकी कंपनी लुई बर्जर द्वारा गोवा की एक परियोजना के लिए वर्ष 2010 में एक पूर्व मंत्री को रिश्वत देने की बात सामने आई है। आरोप है कि कंपनी ने गोवा और गुवाहटी में दो जलापूर्ति और मल निकास परियोजना हासिल की। इन दोनों ठेकों के लिए कंपनी ने 9,76,000 डॉलर की रिश्वत दी।
कंपनी के घूस देने की बात स्वीकार करने के बाद कांग्रेस के एक वर्तमान और एक पूर्व मुख्यमंत्री सवालों के घेरे में हैं। इस खुलासे के बाद असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर शिकंजा कस सकता है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर संपत्ति के मामले में पहले ही सवाल उठाए जा चुके हैं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सवाल उठाए हैं कि-“ये पैसा कहां गया, ये फुटबॉल पर लगा या फिर स्विटज़रलैंड गया।“
अमेरिका के विधि विभाग के मुताबिक लुई बर्जर के ईमेल रिकॉर्ड बताते हैं कि ठेका हासिल करने के लिए गोवा के पूर्व मंत्री तक रिश्वत पहुंचाई गई। मामले में कंपनी के दो पूर्व कार्यकारियों –फिलीपींस के रिचर्ड हिर्ष और यूएई के जेम्स मैक्लंग को रिश्वत के आरोपों में दोषी ठहराया गया।
बीजेपी को मिला मौका
व्यापमं, ललित गेट मामले को लेकर विपक्ष ने मानसून सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी की है। कांग्रेस सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफा मांग रही है। विपक्ष को जवाब देने के लिए बीजेपी को बैठे बिठाए अमेरिकी कंपनी के घूस देने का मुद्दा मिल गया है।