राजस्थानः उपचुनाव में कांग्रेस के साथ अपने भी भाजपा के लिए बने चुनौती
-रामगोपाल बूरी
राजस्थान में उपचुनाव की रणभेरी बज चुकी है। अलवर, अजमेर लोकसभा के साथ मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए 29 जनवरी को वोट डाले जाएंगे। 2 फरवरी को नतीजे आएंगे। इस बीच 14 जनवरी को प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी दौरा प्रस्तावित है। हालांकि वे चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। वे पचपदरा में रिफाइनरी का शिलान्यास करेंगे।
प्रत्याशियों के चयन के लिए माथापच्ची कर रही सत्ताधारी भाजपा के सामने इन चुनावों में दोहरी चुनौती है। विपक्षी कांग्रेस के अलावा अपने भी उसके लिए परेशानियां खड़ी करने में लगे हैं। अलवर में कांग्रेस उम्मीदवार का ऐलान कर मानसिक बढ़त ले चुकी है, जबकि भाजपा अभी भी जातीय समीकरणों को साधते हुए उम्मीदवार का चयन करने में जुटी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के अजमेर से चुनाव लड़ने से इनकार करने से भाजपा को बड़ी राहत मिली है।
पूरे चार साल युवाओं के लिए संघर्ष करने वाला राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ तीनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने जा रहा है। मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर हरीराम जाट और अजमेर लोकसभा सीट पर हरीश चंद्र त्रिपाठी को महासंघ्ा प्रत्याश्ाी घोषित कर चुका है। महासंघ के प्रत्याशी आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं। ऐसे में उनके मैदान में उतरने से भाजपा के ही वोट कटने की संभावना है। इसके अलावा युवाओं के वोट भी महासंघ के उम्मीदवारों को मिल सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार अलवर से श्रम मंत्री जसवंत यादव को भाजपा का टिकट मिलना तय है। यदि ऐसा हुआ तो महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव स्वयं नामांकन दाखिल करेंगे। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन की पत्नी रेणु के नाम की भी चर्चा में है। रेणु ब्राह्मण समुदाय से आती हैं और अलवर में 2 लाख ब्राह्मण मतदाता हैं। हुसैन के नाम से मेवात के 3 लाख मतदाताओं को भी साधने का प्रयास किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी रहे किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट भी अजमेर से उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने लोकपाल विधेयक के लिए संघर्षरत रहे अन्ना अजारे को भी बीते दिनों अजमेर बुलाया था। कुख्यात गैंगेस्टर आनंदपाल एनकाउंटर से नाराज राजपूत समाज की ओर से भी अजमेर में दम ठोकने की चर्चा है। राजपूत समाज भाजपा का कोर वोट बैंक माना जाता है।
अजमेर से पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिवंगत सांसद सांवरलाल जाट के बेटे रामस्वरूप लाम्बा को टिकट दिए जाने की प्रबल संभावना है। एक जनवरी को क्षेत्र में भाजपा जाट को श्रद्धांजलि देने के बहाने शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है। लेकिन किसान महापंचायत के रामपाल जाट के सामने आने की स्थिति में पार्टी अपना रूख बदल सकती है। आपको बता दें कि अजमेर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा जाट मतदाता हैं, किन्तु वोट बंटने की स्थिति में भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है।