कांग्रेस सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने राहुल पर साधा निशाना
सत्यव्रत चतुर्वेदी ने पार्टी उपाध्यक्ष पर हमला बोलते हुए कहा है कि अब पार्टी की सर्जरी करने से कोई फायदा नहीं होने वाला। अब बदलाव से कोई फायदा नहीं होगा। जब बदलाव करना था तब तो किया नहीं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा और गोवा-मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर भी कांग्रेस सरकार बनाने में सफल होती नहीं दिख रही है। ऐसे में पार्टी के भीतर विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। सत्यव्रत चतुर्वेदी का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है।
सत्यव्रत चतुर्वेदी से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने भी पार्टी में बदलाव, सर्जरी और सत्ता विकेंद्रीकरण की जरुरत को रेखांकित किया था। लेकिन उन्होंने चतुर्वेदी की तरह सीधे-सीधे न कह कर साथ में यह भी जोड़ा था कि यह बात सोनिया गांधी या राहुल गांधी पर लागू नहीं होती है। कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 17 विधायकों के बाद भी पार्टी की निर्णय की क्षमता धीमी रही। यह कांग्रेस नेतृत्व की असफलता है। लेकिन किसी एक पर ऊंगुली नहीं उठाई जा सकती।
सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी के लिए खुद फैसला लेना चाहिए। उन्होंने पांच राज्यों में कांग्रेस की करारी हार पर प्रतिक्रिया देने की जिम्मेदारी भी राहुल गांधी पर डाल दी। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि सन 2014 में राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाम में कांग्रेस की करारी हार की जिम्मेदारी ली थी।