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29 September 2015

क्या राहुल में संभावनाएं देख रहे हैं कॉरपोरेट

ट्विटर

अगर हम एस्पेन इंस्टीट्यूट के बारे में थोड़ी सी जानकारी जुटाएं तो पाते हैं कि दरअसल यह अमेरिकी कारोबारियों द्वारा खड़ा किया गया थिंक टैंक है जो सालाना कई कार्यक्रमों के जरिये दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं, कारोबा‌रियों, नीति निर्माताओं और कलाकारों को इकट्ठा करता है और उनके बीच विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा का आयोजन करता है। राहुल गांधी को इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आमंत्रण भेजा जाना कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि अमेरिकी ही नहीं दुनिया के बड़े बिजनेस घरानों को उनमें कुछ खास नजर आया है और इससे यह भी लग रहा है कि कहीं न कहीं ये बिजनेस घराने नरेंद्र मोदी के अबतक के कार्यकाल से निराश रहे हैं। राहुल गांधी के साथ मिलिंद देवड़ा का होना भी एक खास संकेत देता है क्योंकि देवड़ा परिवार की भारत के कॉरपोरेट घरानों में अच्छी पकड़ मानी जाती है।

गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी गैरमौजूदगी को लेकर भाजपा द्वारा लगाई जा रही अटकलों के बीच आज अमेरिका में एस्पेन कांफ्रेंस में हिस्सा लेते हुए अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर साझा की। राहुल ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर लिखा है,  एस्पेन में हुए सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी की नुकसानदायक शक्ति पर बहुत दिलचस्प चर्चाएं हुईं। यहां खास बात यह है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रौद्योगिकी के ही बल पर भारत को विश्व शक्ति बनाने का सपना बुन रहे हैं और अपनी हालिया अमेरिका यात्रा में भी उनका सबसे अधिक जोर इसी पर रहा। ऐसे में अमेरिका के ही एक बड़े थिंक टैंक द्वारा भारत के बड़े विपक्षी नेता को प्रौद्योगिकी की नुकसानदायक शक्तियों के बारे में आयोजित सेमीनार में शिरकत करने के लिए बुलाना विशेष महत्व रखता है।

कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने जो तस्वीरें ट्विटर पर साझा की हैं इसमें से एक में राहुल और वे आइसलैंड के राष्ट्रपति ओलाफर रैगनर ग्रिमसन के साथ हैं जबकि एक अन्य तस्वीर में राहुल ब्रिटेन के पूर्व विदेश सचिव डेविड मिलिबैंड के साथ इंटरनेशनल अफेयर्स कांफ्रेंस में भाग ले रहे हैं। कांग्रेस शुरुआत से कह रही है कि राहुल एक कांफ्रेंस के लिए अमेरिका के कोलरेडो में एस्पेन संस्थान गए हुए हैं। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि जिस कार्यक्रम का दावा किया जा रहा है वह 25 जून से चार जुलाई के बीच संपन्न हो चुका है। 

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TAGS: राहुल गांधी, एस्पेन इंस्टीट्यूट, कॉलरेडो, अमेरिका, कॉरपोरेट घराने, नीति निर्माता, वैश्विक कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, भाजपा, Rahul Gandhi, the Aspen Institute, Colredo, US, corporates, policy makers, the Global Conference, Congress, BJP
OUTLOOK 29 September, 2015
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