क्या बाबुल सुप्रियो और ममता के बीच पहले से पक रही थी खिचड़ी, राज्यसभा भेजने के लिए TMC ने लिया अर्पिता घोष का इस्तीफा?
बाबुल सुप्रियो के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उनका कहां इस्तेमाल करेगी। दलबदल के बाद बाबुल ने कहा कि मैं आसनसोल के सांसद पद से भी इस्तीफा दे दूंगा। उनके इस बयान के बाद यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या ममता बनर्जी उन्हें राज्यसभा भेजेंगी? क्या बाबुल को राज्यसभा भेजने के लिए ही अर्पिता घोष को राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा देने को कहा गया था?
अर्पिता को प्रदेश में पार्टी की जिम्मेदारी दी गई है। तृणमूल ने पिछले साल ही उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया था। तृणमूल सूत्रों के अनुसार पार्टी के भीतर यह चर्चा चल रही थी कि अर्पिता की जगह किसी चौंकानेवाले चेहरे को राज्यसभा भेजा जा सकता है। लेकिन किसी को यह नहीं मालूम था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व किसके नाम पर विचार कर रहा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद बाबुल सुप्रियो ने स्पष्ट कहा था, मैं अब और राजनीति नहीं करूंगा। उन्होंने यह भी कहा था कि मेरी एक ही पार्टी है, एक ही विश्वास है। लेकिन इस बयानबाजी के सिर्फ डेढ़ महीने बाद ही उनकी पार्टी और उनका विश्वास दोनों बदल गया।
31 जुलाई को बाबुल ने कहा था, “किसी और पार्टी में नहीं जा रहा। तृणमूल, कांग्रेस, सीपीएम कहीं नहीं। निश्चित तौर पर यह बात कह रहा हूं। ना किसी ने मुझे बुलाया है ना मैं कहीं जा रहा हूं। मैं मैंने हमेशा एक ही पार्टी का समर्थन किया है। खेल में भी हमेशा मोहनबागान टीम का समर्थन किया।” हालांकि उसी दिन देर शाम को उन्होंने उस पोस्ट का कुछ हिस्सा डिलीट भी कर दिया था।
जब उन्होंने मोदी मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दिया था तो फेसबुक पर लिखा था, जिस तरह मुझे इस्तीफा देने के लिए कहा गया वह ठीक नहीं है। तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उनके प्रति सहानभूति जताई थी और केंद्र की आलोचना की थी।