शिवराज पर दिग्विजय सिंह ने लगाए गंभीर आरोप
सिंह ने अपने गृह नगर राघोगढ़ में पत्रकारों से चर्चा में राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश यादव की मृत्यु होने पर दुख जताया और उनकी मृत्यु के कारणों की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग की।
सिंह ने व्यापम घोटाले के मूल प्रमाण उनके पास होने का दावा करते हुए कहा कि कंप्यूटर के डाटा को नष्ट करने के बाद भी उसे पुन पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि, आरोपी नितिन महेन्द्रा के कंप्यूटर से एक्सल शीट की मिरर इमेज, व्हीसल ब्लोअर ने अपने कैमरे मे ले ली थी। इस एक्सेल शीट से साबित होता है कि वास्तविक शीट में मुख्यमंत्राी का नाम था, बाद में छेड़खानी करके उसमें केन्द्रीय मंत्री उमा भारती और राज्यपाल के नाम डाले गए।
उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूरे कागज बता दिए हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री ने कहा था कि न खाउंगा न ही खाने दूंगा। अब भी यदि प्रधानमंत्री ने कोई कार्रवार्ई नहीं की तो माना जाएगा कि वे खाउंगा व खाने दूंगा कि तर्ज पर चल रहे हैं।
सिंह ने कहा कि हैदराबाद की टूथ वेब ने भी जांच कर हमारी एक्सल शीट को सही बताया है। उन्होने कहा कि इससे बड़ा और कोई प्रमाण हो नहीं सकता।
अपने खिलाफ दर्ज मामला के बारे में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, मेरे खिलाफ 20 वर्ष पुराने मामलों में मुकदमें दर्ज किए गए हैं। वैसे भी विधान सभा में नियुक्तियां राज्य शासन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि, इसके बाद भी यदि मैने अपराध किया है तो मैं सजा भुगतने तैयार हूं।
सिंह ने कहा , मेरी मांग है कि मुख्यमंत्री मेरा मामला और व्यापम मामला, दोनाें ही जांच के लिए सीबीआई को सौंप दे, वैसे भी मैने तो शपथ पत्र के साथ आरोप लगाए हैं।