क्या वाकई बिहार और गोवा में पलट सकती है बाज़ी, क्या है गणित
कर्नाटक में सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का आमंत्रण देने के बाद बिहार, गोवा समेत चार राज्यों में सबसे बड़ी पार्टियों द्वारा सरकार बनाने का दावा किया जाने लगा है। इस मांग को लेकर राजद, कांग्रेस सहयोगी दलों के नेता बिहार के राज्यपाल सतपाल मलिक से मिले तो गोवा में कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की।
बिहार विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 243 है। सरकार बनाने का दावा कर रही राजद के सदस्यों की संख्या 80 है। इसके अनुसार यह सदन की सबसे बड़ी पार्टी है। उसे कांग्रेस के 27, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन) के तीन और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के एक सदस्य का समर्थन हासिल है।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के 70 विधायक हैं। सरकार की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के 53, लोकजनशक्ति पार्टी के दो, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के दो विधायक हैं। विधानसभा में चार निर्दलीय विधायक भी हैं जबकि एक सीट खाली है।
तेजस्वी बोले, 111 का समर्थन और जदयू के विक्षुब्ध संपर्क में
राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजद नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दावा किया कि यदि राज्यपाल उन्हें मौका देते हैं तो वह आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि उनके गठबंधन के पास 111 विधायक हैं। इसके अलावा जदयू के कुछ विक्षुब्ध विधायक भी उनके संपर्क में हैं। तेजस्वी ने साफ कहा कि उनकी पार्टी या गठबंधन में कोई ऐसा विधायक नहीं है जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह यू टर्न लेने वाला हो।
तेजस्वी के पास 111 विधायकों का समर्थन है। अगर सभी निर्दलीय उनके पक्ष में आ जाएं तो यह संख्या 115 हो जाएगी। इसके बाद भी उन्हें 122 का जादुई आंकड़ा छूने के लिए सात विधायकों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में एक बड़ा सवाल है कि क्या राज्यपाल तेजस्वी को सरकार बनाने का न्यौता देंगे और वे जदयू में अपने समर्थक विधायकों को अपनी ओर लाने में कामयाब हो पाएंगे।
वहीं, गोवा में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के पास 40 सदस्यीय विधानसभा में 17 सीटें हैं। एक सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पास है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों की संख्या 13 है। गोवा फारवर्ड पार्टी के तीन विधायक हैं और तीनों मंत्री हैं। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन विधायक हैं जिसमें दो को मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों में से दो को मंत्री की कुर्सी दी गई है।
गोवा में यदि दोनों छोटी पार्टियों और तीनों निर्दलीय विधायक कांग्रेस के साथ आ जाएं तब यहां इस पार्टी की सरकार बन सकती है। लेकिन इस बात की संभावना कम ही है क्योंकि कांग्रेस 2017 के मार्च में हुए चुनाव के बाद इन्हें अपने पाले में लाने में सफल नहीं हो पाई थी।