झारखंड में विपक्षी एका के सामने पस्त भाजपा ने साथी सुदेश का खेल बिगाड़ा
झारखंड में दो विधानसभा सीटों सिल्ली और गोमिया पर हुए उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। दोनों सीटें विपक्षी दल झामुमो के खाते में जाती दिख रही है। सिल्ली में झामुमो की सीमा महतो ने 12वें राउंड की गिनती के बाद आजसू सुप्रीमो और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो पर सात हजार से ज्यादा वोटों की बढ़त बना रखी थ्ाी। यहां 14 राउंड में मतगणना पूरी होगी।
यदि सुदेश हारते हैं तो यह भाजपा के लिए मुंह मांगी मुराद जैसी होगी। सुदेश को भले ही भाजपा का समर्थन हासिल था, लेकिन पर्दे के पीछे से भाजपा नेता उनका खेल बिगाड़ने में लगे थे। इसका कारण यह है कि आजसू ने गोमिया में भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार रखा है। गोमिया में झामुमो की बबीता देवी ने भाजपा के माधवलाल महतो पर 11वें राउंड की मतगणना के बाद 4321 मतों की बढ़त बना रखी थी। यहां 18 राउंड की मतगणना होनी है।
दोनों सीट पर उपचुनाव मारपीट और अभद्रता के मामले में झामुमो विधायकों को सजा सुनाए जाने के कारण कराए गए थे। झामुमो के उम्मीदवारों को कांग्रेस, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम और राजद का समर्थन हासिल है। इस लिहाज से यह चुनाव विपक्षी एकता का टेस्ट भी माना जा रहा है।
हालांकि सबकी नजरें सिल्ली पर ही है। सिल्ली कभी सुदेश का गढ़ हुआ करता था, लेकिन पिछले चुनाव में उन्हें सीमा महतो के पति अमित महतो से शिकस्त खानी पड़ी थी। सुदेश यदि हारते हैं तो आम चुनावों से पहले साथियों से मोलभाव करने के लिहाज से भाजपा मजबूत स्थिति में होगी। राज्य में जारी कुरमी बनाम आदिवासी की राजनीति के लिहाज से भी ये नतीजे निर्णायक साबित होंगे। एसटी दर्जा और विशेष आरक्षण पाने के लिए कुरमी राज्य भर में आंदोलनरत हैं। इसके कारण अलग-अलग दलों के वे कुरमी नेता भी अचानक सक्रिय हो गए हैं जो अपनी सियासी पारी खत्म मान चुके थे। सुदेश महतो कुरमियों के बीच एक लोकप्रिय नाम हैं। लेकिन भाजपा रांची के सांसद रामटहल चौधरी को आगे कर रही है। ऐसे में सुदेश की हार होने पर अपने सांसद को कुरमी के सबसे बड़े नेता के तौर पर पेश करने की भाजपा की रणनीति भी सफल हो जाएगी।