लालू का दबाव रहेगा नीतीश के लिए चुनौती
विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राष्ट्रीय जनता दल बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। तभी से यह माना जा रहा था कि भले ही लालू यादव नीतीश कुमार का समर्थन करें लेकिन उपमुख्यमंत्री उनके परिवार से होगा। इन कयासों पर उस समय विराम लग गया जब नीतीश कुमार के बाद तेजस्वी यादव ने शपथ ग्रहण किया और उसके बाद लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने। इससे एक बात और साफ हो गई कि लालू के असली उत्तराधिकारी अब तेजस्वी ही होंगे। पहले इस तरह की चर्चाएं चल रही थी कि मीसा भारती को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन इन चर्चाओं पर अब विराम लग गया है। अब बताया जा रहा है कि मीसा भारती को लालू राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
विभागों के बंटवारे में भी लालू यादव ने नीतीश कुमार पर दबाव बनाया और गृह, सूचना एवं जनसंपर्क और सामान्य प्रशासन जैसे विभाग मुख्यमंत्री के पास रहने दिया है जबकि वित्त, पथ निर्माण, स्वास्थ्य जैसे विभाग राजद के खाते में चले गए। जानकार सूत्रों का कहना है कि लालू ने बड़ी ही चालाकी के साथ विभागों का बंटवार किया। जैसे कि गृह और सामान्य प्रशासन मुख्यमंत्री के पास रहेगा। अगर राज्य में कानून व्यवस्था खराब होती है तो इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेवार होंगे जबकि कई महत्वपूर्ण विभाग लालू ने अपने बेटों और पार्टी के भरोसेमंद अब्दुल बारी सिद्दकी को दिलवाया। राजद के एक वरिष्ठ नेता ने आउटलुक को बताया कि विभागों का बंटवारा पहले से ही तय था इसलिए इसको लेकर किसी प्रकार कोई झंझट नहीं है। वहीं नीतीश कुमार के भरोसेमंद श्याम रजक को मंत्रिमंडल में नहीं शामिल किए जाने को लेकर लालू ने ही दबाव बनवाया था।