संसद का मानसूत्र सत्र: किसान, कश्मीर, चीन, गोरक्षक और जीएसटी पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
बीते माह में कई ऐसे मसले हुए जिस पर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर तनातनी हुई। संसद के बाहर जुबानी जंग के बाद अब मौका संसद के भीतर सरकार को घेरने का है। वहीं सरकार इस बीच अपनी नीतियों की सफलताओं पर बातचीत कर अपना बचाव करेगी।
इन मसलों पर घिरेगी सरकार
माना जा रहा है कि मानसून सत्र के दौरान, किसानों के प्रदर्शन, गौ रक्षकों का मामला, मॉब लिंचिंग, कश्मीर में तनाव, सिक्किम में चीन के साथ जारी गतिरोध जैसे मुद्दे उठेंगे और विपक्ष पूरी ताकत से सरकार पर हमला बोलेगा।
सरकार ने अपनाया ये रुख
आपको बता दें कि सत्र शुरू होने से पूर्व ही सरकार ने कई मसलों पर कड़ा रुख अख्तियार किया। मान जा रहा है कि इस रवैय्ये का मक्सद सरकार द्वारा विपक्षी हमलों से बचने के लिए उटाया गया। मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी को लेकर कहा कि गोरक्षा के नाम पर असामाजिक लोग हिंसा कर रहे हैं। इन सभी के खिलाफ राज्य सरकारें कड़ी कार्रवाई करें।
दो फाड़ में बंट सकता है पिपक्ष
कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्षी दल बंट सकते हैं। है क्योंकि लेफ्ट और जदयू की ओर से टीएमसी और आरजेडी का बचाव शायद ही किया जाए।
इस दौरान मॉनसून सत्र में कुल 19 बैठके होंगी 26 दिनों की कार्यावधि में चार प्राईवेट मेंम्बर्स दिवस होंगे। लोक सभा में 21 बिल और राज्य सभा में 42 बिल लम्बित है। कुलमिलाकर संसद का मानसून सत्र गरमा-गरम बहस और सियासी टकराव के नाम रहेगा।