यह हो सकता है स्वामी प्रसाद मौर्य का अगला कदम
मौर्य के करीबी सूत्रों के मुताबिक अभी भाजपा से बातचीत चल रही है लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि दो-तीन मुद्दों पर मौर्य भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं नहीं तो अपनी नई पार्टी बनाकर भाजपा के साथ गठजोड़ कर सकते हैं। पहला मुद्दा है कि भाजपा उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दे जिसमें केंद्र सरकार में मंत्री पद भी हो सकता है। इसके साथ ही राज्यसभा का सदस्य भी बनाया जाए ताकि मंत्री पद बरकरार रहे। मौर्य की एक यह भी शर्त है कि अगर भाजपा में गए तो मंत्री पद के अलावा बेटी को विधानसभा का टिकट और पांच अन्य नजदीकी लोगों को भी विधानसभा का उम्मीदवार बनाया जाए।
अगर यह सब संभव नहीं हुआ तो मौर्य चाहते हैं कि नई पार्टी बनाकर या तो भाजपा नहीं तो कांग्रेस या जनता दल यूनाइटेड के साथ मिलकर चुनाव लड़े। तीसरे मोर्चे के गठबंधन की भी संभावना मौर्य ने बढ़ा दी है। कुल मिलाकर मिलाकर मौर्य का बसपा छोड़ने के बाद से उत्तर प्रदेश की सियासत में पूूरी तरह से चर्चित हो गए हैं। जल्द ही मौर्य अपनी नई रणनीति का खुलासा करेंगे। लेकिन एक बात तय है कि या तो वह भाजपा के पाले में जाए या फिर तीसरे मोर्चे की ताकत बने।