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15 July 2015

भूमि विधेयक पर नीति आयोग राजनीति की काली छाया

पीआईबी

 

भूमि अधिग्रहण पर विपक्ष का विरोध अपनी जगह लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि नीति आयोग के गठन के बारे में ही विपक्ष की शंकाए सरकार दूर नहीं कर सकी है। भारत की संघीय व्यवस्‍था में अब उस दौर में पहुंच चुकी है जब देष के विभिन्न राज्यों और हर हिस्से में अलग-अलग तरह की सरकारें हैं। राज्यों के बीच संसाधनों के बंटवारे के काम में पहले योजना आयोग की पंचायते हुआ करती थी। खासकर  विपक्ष के मुख्यमंत्रियों को यह शंका है कि नीति आयोग के कार्य पूू तरह तय और विकसित नहीं होने के कारण संसाधनों के बंटवारे में केंद्र के नौकरशाहों खासकर प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका प्रमुख हो जाएगी।  

बैठक में भाग नहीं लेने वाले मुख्यमंत्रियों पर टिप्पणी करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए। उन्हें सोचना चाहिए कि सहयोगात्मक संघीय ढांचे के लिए वे कैसी मिसाल पेश कर रहे हैं। लेकिन विपक्ष के मुख्यमंत्रियों की शंका इसके विपरित है। नीति आयोग में विपक्षी मुख्यमंत्री वह क्षमता नहीं देख पा रहे हैं कि योजना आयोग की तरह वह संघीय यानी राज्यों की वित्तिय जरूरतों का ख्याल रख पाएगी। बैठक में नहीं शामिल होने वाले मुख्यमंत्रियों और कई पर्यवेक्षक आश्‍चर्यचकित हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक में शामिल हुए।  

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हाल के दिनों में इन दोनों की बढ़ती निकटताएं भी राजनीतिक गलियारों में लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इन दोनों की बैठक में भाग लेना आश्चर्यजनक नहीं है। अरविंद केजरीवाल का नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार से हाल के दिनों में चल रही लड़ाई जगजाहिर है। वह ऐसा कोई संकेत नहीं देचा चाहते कि लोग समझें कि अरविंद केजरीवाल खुद टकराव मोल ले रहे हैं। टकराव का दारोमदार वह केंद्र की सरकार पर छोड़ना चाहते हैं। नीतीश कुमार के बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वह केंद्र के सामने अपनी बात जोरदार ढंग से रखकर उसे बिहार में राजनीतिक तौर पर भुनाना चाहेंगे।  

नीति आयोग के प्रसंग में एक और तथ्य विचारणीय है कि आयोग ने केंद्रीय परियोजनाओं, कौशल विकास और स्वच्छ भारत अभियान के लिए जो तीन उपसमितियां बनाई है उनके प्रमुख या तो भाजपा के हैं सहयोगी राजग के या फिर भाजपा के प्रति नरम रवैया रखने वाले। ‌शिवराज सिंह चौहान भाजपा के हैं जबकि प्रकाश सिंह बादल भाजपा के सहयोगी दल से हैं और चंद्रबाबू नायडू की भाजपा से निकटता जगजाहिर है। इसमें शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली केंद्रीय परियोजनाओं की उपसमिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है बाकी दो ने पंद्रह अगस्त तक का समय लिया है।  

नीति आयोग की संचालन परिषद की इस दूसरी बैठक से कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु की जे. जयललिता, ओडिशा के नवीन पटनायक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बैठक में नहीं पहुंचे। नीति आयोग के गठन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहा कि नीति आयोग टीम इंडिया की तरह काम करेगी। लेकिन टीम के कप्तान और प्रबंधक नीति आयोग में अब तक टीम भावना नहीं पैदा कर पाएं हैं। इसके लिए उन्हें पहल करनी चाहिए। 

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TAGS: नीति आयोग, प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री, भूमि अधिग्रहण विधेयक, congress, niti aayog, politics, land bill, narendra modi
OUTLOOK 15 July, 2015
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