निलंबन के फैसले ने विपक्ष को किया एकजुट, कांग्रेस हुई आक्रामक
संसद का सत्र शुरू होने से पूर्व ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस कुछ मुद्दों पर अलग-थलग पड़ जाएगी लेकिन 25 सदस्यों के निलंबन के बाद पूरा विपक्ष एकजुट होकर लोकसभा अध्यक्ष के फैसले के विरोध में उतर आया। इससे पहले संसद सुचारू रूप से नहीं चलने देने के लिए विपक्ष के कई दल कांग्रेसी सांसदों को नसीहत दे रहे थे कि सत्र चलने दिया जाए।
सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ विपक्ष के सांसदों ने भी संसद भवन परिसर में दूसरे दिन धरना दिया। कई विपक्षी दलों ने लोकसभा अध्यक्ष से अपने फैसले पर पुनः विचार करने का आग्रह भी किया। जबकि कांग्रेस इस बात पर अड़ी हुई है कि जब तक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का इस्तीफा नहीं हो जाता तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
विपक्षी नेताओं में जनता दल यूनाइटेड से शरद यादव, के सी त्यागी, समाजवादी पार्टी से धर्मेंन्द्र यादव, राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश नारायण यादव, माकपा के पी करूणाकरण, भाकपा के डी राजा और आईयूएमएल के ई अहमद शामिल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने धरना दे रहे अन्य नेताओं के साथ नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा कि उनका धरना अब रूकने वाला नहीं है। वहीं राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेसी सांसदों के निलंबन का लोकसभा अध्यक्ष का फैसला हमें पसंद नहीं आया लेकिन हम उनके पद का सम्मान करते हैं।
उधर दूसरी ओर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने देश भर में प्रदर्शन किया। दिल्ली में युवक कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर राजा बराड़ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ताओं ने सुमित्रा महाजन पर पद के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के अकबर रोड स्थित आधिकारिक आवास की तरफ मार्च किया लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। वहीं मुंबई, इंदौर सहित देश के कई शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुआ।