मोदी सरकार के जश्न पर सहारनपुर का दाग, केंद्र ने योगी से मांगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में केंद्र सरकार की तीन साल की उपलब्धियों का गुणगान करेंगे। इसके बाद उनका लालू-नीतीश के गढ़ पटना में भी एक रैली करने का कार्यक्रम है। वहां भी उन्हें प्रधानमंत्री की कल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचना है। लेकिन फिलहाल वह खुद ही अपने राज्य में जातीय टकराव, लूट-डकैती और हिंदूवादी संगठनों के नाम पर बढ़ती गुंडागर्दी से जूझ रहे हैं।
यूपी में मिले प्रचंड बहुमत ने मोदी सरकार की तीसरी सालगिरह माननेे का सुअवसर दिया था। सरकार की पहली और दूसरी वर्षगांठ का मजा दिल्ली और बिहार की हार ने बिगाड़ दिया था। इस बार सहारनपुर हिंसा और यूपी की बिगड़ती कानून-व्यवस्था की आंच मोदी सरकार तक पहुंच रही है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने सहारनपुर के शब्बीरपुर जाकर भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों पर जमकर निशाना साधा तो बाकी विपक्षी दल भी मोदी व योगी को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
सहारनपुर की घटनाओं से चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले एक महीने में दो बार जिले के डीएम और एसएसपी बदल चुके हैं। मंगलवार को बसपा अध्यक्ष मायावती के दौरे के बाद भड़की हिंसा को देखते हुए गृह सचिव समेत सूबे के 6 आला अधिकारियों को सहारनपुर रवाना किया था। इसके बावजूद हिंसक घटनाएं हुई हैं। जिले के डीएम और एसएसपी को निलंबित कर दिया गया है। फिर भी हालात नहीं सुधरे तो बुधवार से सहारनपुर में इंटरनेट और मोबाइल मैसेजिंग पर रोक लगानी पड़ी।
एक और बुलंदशहर
पिछले साल अखिलेश सरकार के समय बुलंदशहर में हाईवे पर हुई लूट और बलात्कार का मामला राज्य सरकार और समाजवार्दी पार्टी के लिए मुसीबत बन गया था। अब वैसी ही वारदात ग्रेटर नोएडा जेवर थाना क्षेत्र में हुई है। बदमाशों ने कार से बुलंदशहर जा रहे एक परिवार की चार महिलाओं के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। इस दौरान एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी और पूरे परिवार के साथ लूटमार की गई। विदेश की घटनाओं पर दुख जताने वाले पीएम मोदी की इन घटनाआेें पर चुप्पी पर भी सवाल खड़ेे हाेे रहे हैं।
योगी सरकार से केंद्र ने मांगी रिपोर्ट
सहारनपुर में पिछले एक महीने के दौरान कई हिंसक घटनाओं से चिंतित केंद्र सरकार ने योगी सरकार से रिपोर्ट तलब की है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूछा है, प्रशासन इतने दिनों से जारी हिंसा रोकने में क्यों नाकाम रहा है। केंद्र सरकार को डर है कि सहारनपुर की हिंसा पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में न फैल जाए।