सोनोवाल के नेतृत्व में असम में भाजपा को बड़ी जीत की उम्मीद
मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद सोनोवाल ने कहा कि पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया है और उस भरोसे पर पूरी तरह से खरा उतरने की कोशिश करूंगा। तिरपन साल के सोनोवाल की पहचान असम के जुझारू नेताओं में होती है। भारतीय जनता पार्टी में आने से पहले सोनोवाल असम गण परिषद से जुड़े रहे हैं। असम छात्र यूनियन के अध्यक्ष रह चुके सोनोवाल की युवाओं में अच्छी पकड़ मानी जाती है। पहले विधायक फिर सांसद बने सोनोवाल साल 2011 में भाजपा से जुड़े और साल 2012 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बने। लगातार दूसरी बार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने वाले सोनोवाल को नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में भी शामिल किया और खेल मंत्री के रूप में जिम्मेवारी सौंपी।
भाजपा महासचिव जेपी नड्डा का कहना है कि असम की जनता सोनोवाल को राष्ट्रीय नायक के तौर पर जानती है। युवाओं के बीच अच्छी पकड़ के कारण सोनोवाल को असम की जिम्मेवारी दी गई है। नड्डा कहते हैं कि सोनोवाल के नेतृत्व में असम में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। इससे पहले बिहार में भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं घोषित किया था जिससे पार्टी की करारी हार हुई थी। असम के अलावा पार्टी पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी में किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा इसको लेकर कोई रणनीति नहीं बनी है। भाजपा नेताओं के मुताबिक असम में पार्टी को बड़ी जीत की उम्मीद है इसलिए सबसे ज्यादा फोकस असम पर ही होगा। उसके बाद अन्य राज्यों में पार्टी अपने वोट बैंक बढ़ाने के लिए जी-जान से जुटेगी।