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13 January 2021

सॉफ्ट से कट्टर बनने को मजबूर हुए दो “मुख्यमंत्री”, कट्टर हिंदुत्व क्या पूरी करेगा मुराद

राजनीति क्या न कराए, वाली कहावत इन दिनों दो नेताओं पर एक दम फिट बैठ रही है। एक नेता उदारीकरण और हाई टेक सुधारों के पैरोकार की छवि रखते हैं, तो दूसरे भाजपा में रहते हुए उदार छवि रखते हैं। और सबके मामा कहलाते हैं। हम बात कर रहे हैं हैदराबाद को साइबराबाद में बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले तेलगुदेशम पार्टी के प्रमुख चंद्र बाबू नायडू और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की। जो इस समय अपनी उदार और सुधारवादी छवि को तोड़कर कट्टर हिंदुत्व के पैरोकार बनने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ नायडू ऐसा कर आंध्र प्रदेश में अपनी खोई हुई जमीन को दोबारा पाने की कोशिश में हैं, तो दूसरी तरह चौतरफा हमलों से परेशान शिवराज पार्टी और संघ में अपनी पकड़ी ढीली नहीं हो जाए, उसके लिए कट्टर छवि बनाने की कोशिश में हैं।

एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) आंध्र प्रदेश में अपनी हिंदुत्ववादी झुकाव के साथ अपनी राजनीति को फिर से मजबूत कर रही है। हाल ही में मंदिरों की मूर्तियों में हुई तोड़फोड़ का उल्लेख करते हए खुद को हिंदू परंपराओं के रक्षक के रूप में प्रस्तुत करने में लगी हुई है।

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राजनीतिक वैज्ञानिक प्रो के नागेश्वर राव ने कहा, “चंद्रबाबू नायडू अपने दल को एक साथ रखने और भाजपा का मुकाबला करने के लिए भाजपा की रणनीति का उपयोग कर रहे हैं। वह तेलंगाना में भाजपा की प्रत्येक सफलता के साथ हिंदुत्व की राजनीति को बढ़ा रहे हैं।"'' प्रो राव कहते हैं, भाजपा की हिंदुत्ववादी राजनीति ने नायडू को सावधान कर दिया है। “यह भय है जिसने बीजेपी की वैचारिक रणनीतियों को अपनाने के लिए टीडीपी को प्रेरित किया है। भाजपा नेता खुले तौर पर दावा कर रहे हैं कि वे जल्द ही टीडीपी को अप्रासंगिक बना देंगे और वाईएसआरसीपी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी होंगे। टीडीपी को कमजोर करने के लिए, बीजेपी पहले से ही विभिन्न जातियों के प्रभावशाली टीडीपी नेताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है।

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राजनीतिक रूप से प्रासंगिक और भाजपा से अलग होने के लिए, एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी तेजी से हिंदू समर्थक रुख अपना रही है। पिछले कुछ दिनों में टीडीपी नेताओं के बयानों से संकेत मिलता है कि उन्हें तीखा तेवर अपनाने से परहेज नहीं होगा। जबकि नायडू और उनके पुत्र नारा लोकेश ने टीडीपी की धर्मनिरपेक्ष राजनीति अपनाने की पुष्टि की मगर उन्होंने कहा कि रेड्डी को अन्य धर्मों की भावनाओं की उपेक्षा करने के लिए नहीं बख्शा जा सकता। नायडू ने आरोप लगाया, “सीएम वाई एस जगन मोहन रेड्डी हिंदुओं के साथ विश्वासघात करते हैं।”

वह इतने पर ही नहीं रुके और उन्होंने जगन के धर्म का भी हवाला दिया। “जगन रेड्डी ईसाई हो सकते हैं। लेकिन हिंदुओं का धर्मान्तरण करने के लिए शक्ति का इस्तेमाल करना गलत है। यदि सत्ता में लोग धर्मांतरण का सहारा लेते हैं, तो यह विश्वासघात है। ' पार्टी के कई नेता जगन के धर्म का भी परोक्ष संदर्भ देते रहते हैं।


वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर भी अब बदले-बदले नजर आ रहे हैं। खासतौर पर विधानसभा उपचुनाव में स्पष्ट बहुमत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने फैसलों से सख्त प्रशासक के साथ कट्टर हिंदूवादी होने की ओर अग्रसर हैं। शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के उन गिने चुने मुख्यमंत्रियों में हुआ करते थे, जिनकी एक नरम छवि थी- गोल टोपी पहनने से लेकर इफ्तार पार्टियां आयोजित करने तक। लेकिन मध्य प्रदेश विधान सभा उपचुनावों में, 19 सीटें जीतने और स्पष्ट बहुमत हासिल करने के कुछ ही दिनों के भीतर, ऐसा लगता है कि चौहान ने कुछ विवादास्पद मुद्दों पर, कट्टर हिंदुत्व को अपना लिया है। लव जिहाद के खिलाफ कानून से लेकर पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ कानून बनाने की बात इसकी तस्दीक कर रहा है।

 शिवराज सिंह चौहान सरकार ने 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने के बाद अब पत्थरबाजों के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इसका ऐलान किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पथराव करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और कानून की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री चौहान यह बयान अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने के खातिर हिंदू संगठनों की वाहन रैलियों पर पश्चिमी मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए पथराव के बाद आया है। चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा,‘‘पत्थरबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और कानून जरूरी है। कई बार पथराव की घटना में जान जाने का भी खतरा रहता है।’’

वहीं इससे पहले सीएम शिवराज लव जिहाद पर कानून को लेकर कहा था कि हमने एक सख्त 'लव जिहाद' कानून बनाया है। मैं किसी भी कीमत पर धर्म परिवर्तन का खेल नहीं चलने दूंगा।

मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद प्रदेश के बदले सियासी समीकरणों के बीच शिवराज सिंह चौहान ने खुद को भी उसी शैली में ढालना शुरू किया है। इसी के चलते उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून के लागू होने के ठीक एक महीने बाद मध्य प्रदेश में भी यह कानून लाकर उन्होंने सियासी तेवर भी स्पष्ट कर दिए हैं।

 

 

 

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TAGS: Shivraj Singh Chauhan, N. Chandrababu Naidu, hardline Hindutva सॉफ्ट हिंदुत्व, कट्टर हिंदुत्व, शिवराज सिंह चौहान, एन चंद्रबाबू नायडू
OUTLOOK 13 January, 2021
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