Advertisement
04 March 2018

क्या गोवा-मणिपुर की राह पर है मेघालय? जानिए तब और अब की बात

सियासत का आगाज और अंजाम दोनों ही अनिश्चितताओं के भंवर पर घूमते रहते हैं। समान्यत: बड़ी पार्टियों के पाले में सत्ता की कुंजी दे दी जाती है लेकिन कभी कभी यह गणित उल्टा भी पड़ जाता है। अब गोवा और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव को ही ले लीजिए। यहां कांग्रेस के पास भाजपा से अधिक सीटें थीं। लेकिन सरकार बनाने की बारी आई तो भाजपा ने बाजी मार ली। अब हाल ही में आए मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा इसी राह पर बढ़ती दिखाई दे रही है। दोनों ही दल सरकार बनाने के दावे पेश कर रहे हैं। बता दें कि कांग्रेस ने यहां 21 सीटें जीती हैं। वहीं भाजपा के खाते में 2 सीटें आई हैं। हालांकि कांग्रेस ने इस बार पिछली गलतियों से सीख लेते हुए अपने दो बड़े नेता कमलनाथ और अहमद पटेल को पहले ही मेघालय रवाना कर दिया है।

गोवा और मणिपुर में क्या हुआ था?

गोवा में कांग्रेस के पास सरकार बनाने का पर्याप्त अवसर था लेकिन आखिरी वक्त में भाजपा ने तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को गोवा भेजकर तस्वीर ही उलट दी जो पार्टियां कांग्रेस के समर्थन में दिखाई दे रही थीं वो अचानक भाजपा के साथ हो गईं। इल्जाम लगा तब के गोवा के प्रभारी दिग्विजय सिंह पर कि सही वक्त पर फैसला करने में असफल रहे हैं। गोवा में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 17 जबकि बीजेपी ने सिर्फ 13 सीटें जीतीं थीं। सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस यहां सरकार नहीं बना पाई और भाजपा ने सरकर बना ली।

Advertisement

वैसे ही मणिपुर में कांग्रेस को 28 और भाजपा को सिर्फ 21 सीटें मिली थीं। लेकिन वहां बीजेपी की सरकार बनी।

मेघालय का समीकरण

एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर डॉनकुपर रॉय यूडीपी के 6 विधायकों को साधने में लगे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा और कांग्रेस भी अपने नेताओं के साथ बैठक कर रही है। कांग्रेस ने तो देर राज राज्यपाल से मिलकर तो सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है। जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता किरण रिजिजू ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि पार्टी ने नव निर्वाचित विधायक एएल हेक को भाजपा के विधायक दल का नेता बनाया गया है। यानी भाजपा और कांग्रेस के बीच फिर से रस्साकशी शुरू हो गई है। कांग्रेस 21 सीटों के साथ यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन बहुमत पाने में नाकाम रही है। ऐसे में सरकार वही बना पाएगी जो समय रहते जोड़तोड़ का गणित अपने पक्ष में कर ले।

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: politics of Meghalaya, Goa-Manipur, Know then and now
OUTLOOK 04 March, 2018
Advertisement