राजनीति का दूसरा नाम है उतार-चढ़ाव, वसुंधरा राजे ने कहा- सबको इससे गुजरना पड़ता है
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने राजनीति को उतार-चढ़ाव का दूसरा नाम बताते हुए शनिवार को कहा कि हर व्यक्ति को इस दौर से गुजरना पड़ता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संगठन में सबको साथ लेकर चलना मुश्किल काम है और बहुत सारे लोग इसमें विफल रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री शनिवार को जयपुर में भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के पदभार ग्रहण करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं.
उन्होंने कहा, ''राजनीति का दूसरा नाम है उतार-चढ़ाव. हर व्यक्ति को इस दौर से गुजरना पड़ता है. इसमें व्यक्ति के सामने तीन चीजें आती है... पद, मद और कद. पद और मद स्थाई नहीं होते, लेकिन कद स्थाई होता है.'' वसुंधरा ने कहा, ''राजनीति में यदि किसी को पद का मद आ जाए, तो फिर उसका कद कम हो जाता है. आज कल लोगों को पद का मद आ ही जाता है, लेकिन मदन जी को कभी पद का मद नहीं आएगा.'' उन्होंने कहा कि उनकी नजर में सबसे बड़ा पद है-जनता की चाहत, जनता का प्यार और जनता का विश्वास तथा ये ऐसा पद है, जिसे कोई किसी से नहीं छीन सकता.
भाजपा के 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' नारे का जिक्र करते हुए वसुंधरा ने कहा, ''मुझे यकीन है कि वह (मदन राठौड़) इस नारे को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. वह सबको साथ लेकर चलेंगे... यह बहुत मुश्किल काम है... और बहुत सारे लोग विफल भी हुए हैं... लेकिन मैं आपसे कहना चाहूंगी कि मुझे विश्वास है इस काम को आप पूरी लगन से करेंगे.'' वसुंधरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मदन राठौड़ जैसे संगठन के कर्मठ, समर्पित, सेवाभावी, संस्कारी, सरल, निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ता को देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान में भाजपा की कमान सौंपी है.