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29 May 2024

जबरन घर खाली करवाने के मामले में आजम खान दोषी करार, अन्य मामले में पत्नी जेल से रिहा

रामपुर जिले की एक अदालत ने एक व्यक्ति का घर जबरन खाली कराकर उसे ध्वस्त करवाने के आठ साल पुराने एक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान को दोषी करार दिया है। खान इस वक्त सीतापुर जेल में बंद हैं और वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उनकी पेशी हुई। अदालत ने तत्काल सजा का ऐलान नहीं किया है। 

खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि जबरन मकान खाली करवाकर उसे ध्वस्त करवाने के मामले में विशेष एमपी—एमएलए अदालत ने पूर्व मंत्री को दोषी करार दिया है। उन्होंने बताया कि डूंगरपुर बस्ती के निवासी अबरार नामक व्यक्ति ने छह दिसम्बर 2016 को गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आजम खान, सेवानिवृत्त पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन और ठेकेदार बरकत अली पर घर में घुसकर लूटपाट और मारपीट करने का आरोप लगाया गया था। यह भी इल्जाम था कि जबरन घर खाली करवाकर उसे ध्वस्त करा दिया गया था।

शर्मा ने बताया कि खान विभिन्न मामलों में इस वक्त सीतापुर जेल में बंद हैं और आज वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिये उनकी पेशी हुई। इस बीच आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को बुधवार को रामपुर जिला जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी।

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 24 मई को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दे दी थी। परिवार के तीन सदस्यों को रामपुर की एक अदालत ने जालसाजी के जुर्म में दोषी ठहराया था। उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद आजम खान और अब्दुल्ला आजम को सलाखों के पीछे ही रहना होगा क्योंकि उनके खिलाफ कई अन्य मामले चल रहे हैं। स्थानीय अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद फातिमा पिछले वर्ष 28 अक्टूबर से जेल में थीं।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, यह मामला तीन जनवरी 2019 का है। रामपुर के निवासी और मौजूदा समय में रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खान के लिए दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था।

इसके बाद सत्र अदालत ने 18 अक्टूबर 2023 को इस मामले में तीनों को सात-सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी। सजा सुनाये जाने के बाद से, आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं। अब्दुल्ला आजम हरदोई जेल में हैं, जबकि फातिमा रामपुर जेल में थीं। छह महीने 11 दिन जेल में रहने के बाद बाहर आईं फातिमा ने पत्रकारों से कहा,'' नाइंसाफी की हार हुई है और अदालत में इंसाफ जिंदा है और इंसाफ मिला है।”

पति आजम और बेटे अब्दुल्ला के बारे में पूछे जाने पर फातिमा ने आरोप लगाया, "हमें एक सुनियोजित साजिश के तहत दोषी ठहराया गया जिसमें पुलिस, सरकार (शामिल है) और मुझे मीडिया से भी शिकायत है कि उसने इस मामले को नहीं उठाया।" अपनी रिहाई को न्याय की शुरुआत बताते हुए फातिमा ने कहा कि वह समर्थकों को बताना चाहती हैं कि आखिरकार सच्चाई की जीत होगी।

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TAGS: Azam Khan, BJP, Congress, Loksabha election 2024, Forced eviction case
OUTLOOK 29 May, 2024
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